काव्य रस की सरिता बही
उदयपुर, आकाशवाणी केन्द्र उदयपुर का तीन दिवसीय कार्यक्रम के तहत् मंगलवार 24 जून की शाम को रेल्वे टेªनिंग संस्थान सभागार में राज्य से आये कवियों ने अपनी-अपनी रचनाओं से कवि सम्मेलन में आमंत्रित श्रोताओं को रस विभोर कर दिया।
कवि सम्मेलन के आरंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए उपनिदेशक (कार्यक्रम) श्री माणिक आर्य ने कहा कि कविता विधा साहित्य की मुख्य धारा मानी जाती है, कविता रसने की क्षमता हर किसी में नही होती है यह एक ईष्वरीय देन है। कवि सम्मेलन में जयपुर के मनोज कुमार शर्मा ने फतेह सागर पर लिखी अपनी कविता -मन में अगर अवसाद हो या प्रेम का उत्साह दिल के कोनो को भिगोती गुदगदाती झील, झिलमिल मेरी मुस्कराती झाील सुनाकर श्रोताओं को आनंदित किया, जयपुर से आई रजनी मोरवाल ने अपनी कविता में- प्रीत ना मैं समझी ना उनकी और वो कह भी न पाये दो किनारों पर खड़े हम साथ में बह भी न पाये सुनाकर खूब दाद बटोरी। उदयपुर के वरिष्ठ कवि डॉ. भगवती लाल व्यास ने अपने काव्य में संबंध बिस्तर हो गये, आजकल लोग उन्हें सुविधा के लिए बिछाते और असुविधा के समय समेट कर ताक पर रख देते है सुनाकर वाह वाह लूटी।प्रतापगढ़ के कवि हरीश व्यास ने तू न आये तो मेरे दर पर पे तो कोई बात नही देरी भोली सी छवि कल्पना में आती है- उदयपुर पं. नरोत्तम व्यास ने अरे एक दफे क्या तुम्हें तो मेरा अगिनित बार है ढलानों पर सीधे खड़े पेड़ो को नमस्कार है सुनाया। कवि सम्मेलन की संचालिका कविता किरण ने महिला सषक्तिकरण को अपनी काव्य रचना में पढ़ते हुए कहा- नये सांचे में ढ़लना चाहती हॅू नियम सारे बदलना चाहती हॅू इरादों की बुलन्द चट्टान बन कर हवा का रूख बदलना चाहती हॅू प्रस्तुत की। कवि सम्मलेन में जयपुर के अश्विनी कुमार शर्मा ने प्रस्तुत गीत मंे मै. वही अर्जुन हॅू वही फिर प्रश्न मेंरें क्या करू क्या ना करू, जोधपुर के दिनेश सिंदल ने अपनी कविता में फुल हॅू संग में खुश्बू का सफर लाया हॅू में हवा पर तेरा नाम लिखने आया हॅू और उदयपुर के जगदीश तिवारी ने जिन्दगी से बात फिर करने लगे ये कदम रूके थे फिर चलने लगे सुनाकर खूब दाद बटोरी। कवि सम्मेलन का सीधा प्रसारण दूरदर्षन जयपुर द्वारा किया गया।
कवि सम्मेलन का प्रारंभिक मंच का संचालन राजेन्द्र सेन ने किया। जबकि कवि सम्मेलन का प्रभावी संचालन राष्ट्रीय कवि कविता किरण ने किया। कार्यक्रम का संयोजन कार्यक्रम अधिशाषी (एसोसिएट) डॉ. जे.पी. पंड्या ने किया जबकि कार्यक्रम के आखिर में निदेशक अभियांत्रिकी राजेन्द्र नाहर ने सभी का आभार जताया। कल बुधवार 25 जून को अखिल भारतीय मुषायरा का आयोजन किया जायेगा, जिसमें देषभर के ख्यातनाम शायर अपने क़लाम पेश करेंगे। गुरूवार 26 जून को शाम ए ग़ज़ल कार्यक्रम में प्रख्यात् ग़ज़ल गायक घनष्याम वासवानी, मुम्बई, रोषन भारती, कोटा तथा स्थानीय ग़ज़ल गायक डॉ. प्रेम भंडारी व डॉ. देवेन्द्र हिरण ग़ज़ले पेश करेंगे।
आकाशवाणी केन्द्र उदयपुर का तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ
Date: