उदयपुर। करीब चार दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भुमिका निभाने वाले वरिष्ठ पत्रकार उग्रसेन राव की पहली पुस्तक राधे – आराधे का विमोचन गुरूवार को राजस्थान विद्यापीठ सभागार में केंद्रीय सेवक की मौजुदगी में किया गया। मददगार और उदयपुर न्यूज के प्रधान संपादक श्री राव की इस पुस्तक का प्रकाशन हिमांशु पब्लिकेशन ने किया है और पूरे देश में यह पुस्तक हिमांशु पब्लिकेशन की ओर से ही वितरित की जाएगी। इस पुस्तक में राधा के पांच हजार वर्षों में बदलते रहे स्वरूपों का वर्णन किया गया है। डाॅ धर्मवीर भारती की पुस्तक कनुप्रिया का शोध भी इसमें किया गया है। पुराण से लेकर आज तक राधा ने कितने स्वरूप बदले हैं, सभी कवियों और लेखकों ने राधा को किस – किस तरह से वर्णित किया है इसका अनुसंधान भी किया गया है। इस पुस्तक के माध्यम से यह भी बताया गया है कि राधा ही मीरा के रूप में पांच सौ वर्षो पहले आई थी। इस बात का अनुसंधान भी श्री राव की राधे – आराधे में किया गया है। पुस्तक विमोचन के अवसर पर केंद्रीय सेवक रामकृपाल यादव, राजस्थान विद्यापीठ के कुलाधिपति एच सी पारख, कुलपति प्रोफेसर एस.एस. सारंगदेवोत, उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा, विद्यापीठ कुल की अध्यक्ष प्रोफेसर देवेन्द्र जोहर, रजिस्ट्रार सीपी अग्रवाल अतिथि की रूप में मौजूद रहे। दर्शकों में उदयपुर के वरिष्ठ साहित्यकार और बुद्धिजीवी मौजूद थे।
उग्रसेन राव की पहली पुस्तक राधे – आराधे का विमोचन
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