उदयपुर। निर्माण निषेध क्षेत्र में गरीबों के निर्माणों पर निगम और यूआईटी हथौड़ा चला देती है, लेकिन प्रभावशाली लोगों के मकान और होटलें धड़ल्ले से बन रही है। अंबावगढ़ कच्ची बस्ती में गोपाल कोटिया अपने प्रभाव और संगठन के बल पर कोर्ट के स्टे के बाद भी कोर्ट की अवमानना करते हुए निर्माण कार्य धड़ल्ले से चला रहा है, जबकि आसपास के कई मकानों के काम निषेध क्षेत्र होने से रुके पड़े हैं।
अम्बावगढ़ में होटल नेच्यूरल के आगे स्वरूपसागर झील के पास विश्व हिन्दू परिषद् के पदाधिकारी गोपाल कोटिया अपने निवास पर पिछले कई दिनों से बेधड़क निर्माण कार्य करवा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कोटिया के मकान पर कोर्ट ने एक नवंबर को स्टे दे दिया था और निर्माण पर रोक लगा दी थी और लगातार तीन पेशियों में नगर निगम से जवाब तलब किया, लेकिन निगम की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया। इधर, कोटिया ने कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए अपने मकान का काम धड़ल्ले से चालू रखा। अदालत की अवमानना के मामले में भी कोटिया कोर्ट में पेश नहीं हुए और ना ही उनके मकान का काम निगम का कोई अधिकारी रुकवा पा रहा है। जानकारी के अनुसार माना जा रहा है कि कोटिया के महापौर रजनी डांगी से अच्छे संबंधों के चलते महापौर इस निर्माण पर कोई कारवाई नहीं करने दे रही है।
: महापौर के दबाव की वजह से किसी निर्माण को नहीं रूकवा रहे, ऐसा कुछ नहीं है। जानकारी मिलती है, तो निर्माण निषेध क्षेत्र में कार्य रूकवाते हंै। यदि कोई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहा हैं, तो जेल जाएगा। आपने बताया है, तो टीम भेज कर कार्रवाई करवाते हैं।
-हिम्मतसिंह बारहठ,
आयुक्त, नगर निगम
निषेध क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहा है निर्माण
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