उदयपुर. जिले के 330 स्कूलों ने शिक्षा का अधिकारी (आरटीई) के तहत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। ऐसे में उन स्कूलों का न तो फिजिकल वेरीफिकेशन हुआ है और न ही बच्चों के निशुल्क प्रवेश की स्थिति साफ हो पाई है। ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई हो सकती है।
ये आदेश कलेक्टर आशुतोष पेंडणेकर ने मंगलवार को शिक्षा विभाग की रिव्यू बैठक में दिए हैं। डीईओ प्रारंभिक भूपेंद्र कुमार जैन व माध्यमिक कृष्णा चौहान भी बैठक में मौजूद थे। जैन ने बताया कि कई 1100 स्कूलों में से 330 स्कूल के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं हुए हैं। उन स्कूलों में से गांव के स्कूलों को इंटरनेट की सुविधा नहीं होने से कुछ दिन रियायत देने की बात कही है। कलेक्टर ने सख्त तेवर दिखाते हुए शहर के स्कूलों पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इधर,डीईओ कृष्णा चौहान ने बताया कि स्कूलों के गोद लेने की प्रक्रिया में काफी समय से कोई प्रगति नहीं है। इस विषय पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई है। चौहान ने बताया कि कई माह पहले वेदांता ग्रुप ने 40 स्कूल गोद लेने की बात कही थी उसमें भी कोई प्रगति नहीं है। जबकि विभाग से एमओयू होना भी तय हुआ था लेकिन साइन नहीं हो पाया है। कलेक्टर ने इस विषय में आ रही बाधाओं को जाना व शिक्षा विभाग को फिर से वेदांता ग्रुप के साथ बैठक करने के आदेश दिए हैं। बैठक में इसके अलावा आरटीई के तहत हाल ही में हुए प्रवेश के बारे जाना। साथ ही गत साल हुए प्रवेश से तुलना की गई।
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने दिया उपनिदेशक को ज्ञापन
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा मंगलवार को उपनिदेशक माध्यमिक को ज्ञापन दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा निजी शिक्षण संस्थाओं पर स्टेशनरी इत्यादि विद्यालय में न रखने के लिए आकस्मिक निरीक्षण का दबाव बनाया जा रहा है। एसोसिएशन के अधिकारियों का मानना है कि अधिकारियों द्वारा ऐसा किया जाना विधि सम्मत नहीं है। अध्यक्ष जीतेश श्रीमाली ने बताया कि विभाग द्वारा किए जा रहे आकस्मिक निरीक्षण के नाम पर विशेष टीमें बनाकर छापामारी करना शिक्षा जगत में अराजकता फैलाने जैसा है और इस तरह के कार्य गुरू शिष्य की परंपरा छिन्न भिन्न करने वाली है। एसोसिएशन ने उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा को पत्र भेजकर वस्तु स्थिति से अवगत करा प्रति लिपी निदेशक शिक्षा राजस्थान बीकानेर एवं शिक्षामंत्री राजस्थान को भी फैक्स द्वारा भेजी हैं।