उदयपुर। महाराणा प्रताप स्मारक समिति ने एक कारस्तानी की है, जिससे मुंबइयां मार्केट की गदंगी फतहसागर झील में गिर रही है। समिति ने मोतीमगरी में जाने वाले गंदे पानी के नाले को फतहसागर झील की तरफ डायवर्ट कर दिया है। ताज्जुब इस बात का है कि निगम के अधिकारियों को इसका पता है, लेकिन वे जानबूझकर अनजान बने बैठे हैं। इधर, फुटपाथ पर बनी मुम्बइया मार्केट की इन दुकानों पर स्वामित्व का दावा महाराणा प्रताप स्मारक समिति जताती है और किराया भी वसूलती है, लेकिन गंदगी के समाधान का दावा न तो निगम कर रही है और न ही प्रताप स्मारक समिति।
पता चला है कि प्रताप स्मारक समिति मुंबइयां मार्केट के प्रत्येक दुकानदार से ११०० रुपए किराया प्रतिमाह लेती है। पहले दुकानों का गंदा पानी स्मारक की चारदीवारी के अंदर बने एक खड्डे में डाला जाता था, लेकिन पिछले आठ महीने से समिति ने दुकानों का गंदा पानी अंदर जाने से रोक दिया है। अब यह पानी मुंबइयां मार्केट के पीछे बने खड्डे में ही डाल दिया जाता है। जब यह खड्डा ओवरफ्लो हो जाता है, तो गंदा पानी सड़कों पर बहते हुए फतहसागर झील में समा जाता है। इस गंदगी से काफी दुर्गंध भी फैलती है, जिससे पर्यटकों के साथ शहरवासियों को भी नाक बंद करके निकलना पड़ता है।
अंदर सफाई और बाहर गदंगी
महाराणा प्रताप स्मारक समिति के अधीन आने वाली मोतीमगरी को तंबाकू मुक्त जोन बनाया गया है। अंदर पॉलीथिन भी नहीं ले जाई जा सकती है, लेकिन मोती मगरी को साफ-सुथरा रखने वाला प्रबंधन ही मोतीमगरी के बाहर गदंगी फैला रहा है, जो निंदनीय है।
: इस संबंध में नगर परिषद कमिश्नर को कई बार शिकायत की गई। दुकानों के पास टैंक बनाने की स्वीकृति भी मांगी गई है, ताकि फतहसागर झील में गदंगी नहीं जाए। समिति को झील की काफी चिंता है। इस संबंध में जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
-युद्धवीर सिंह, सचिव, महाराणा प्रताप स्मारक समिति
: मुंबइयां मार्केट की दुकानों से निकलने वाली गदंगी के निस्तारण के लिए दुकानों के पास टैंक बनाने का प्रस्ताव है। बारिश की वजह से काम रूका हुआ था। अब बहुत जल्दी काम शुरू करवा दिया जाएगा। दुकानों से निकलने वाली गदंगी का समाधान किया जाएगा।
-हिम्मतसिंह बारहठ, कमिश्नर, नगर निगम
कारस्तानी: महाराणा प्रताप स्मारक समिति ने मोतीमगरी में जाने वाले एक गंदे पानी के नाले को फतहसागर झील में डायवर्ट कर दिया है
लापरवाही: शिकायत के बावजूद नगर निगम इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है, जबकि इस संबंध में निगम के आयुक्त और स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष कई दफा मौका देख आए हैं।