नयी दिल्ली (ब्यूरो)। दिलदार दिल्ली में 5 साल की मासूम के साथ दरिंदगी की वारदात से पूरा देश थर्रा गया है मगर वर्दी अपनी आदत से बाज आने का नाम नहीं ले रही है। गांधी नगर इलाके में मासूम के साथ जघन्य बलात्कार के मामले में विद़ यू, फॉर यू, ऑलवेज़ की बात कहने वाली दिल्ली पुलिस के दामान पर गंभीर दाग लग रहे हैं। पीडि़ता मासूम के पिता ने आरोप लगाया है कि बेहद दर्दनाक हालत में बच्ची के मिल जाने के बाद जब वो पुलिस के पास कार्रवाई की मांग को लेकर पहुंचे तो दिल्ली पुलिस की तरफ से उन्हें मुंह बंद रखने को कहा गया।
पीडि़ता के पिता के मुताबिक दिल्ली पुलिस की तरफ से उन्हें 2 हजार रुपये देकर मीडिया से दूर रहने को कहा गया। पुलिस वालों ने कहा कि 2 हजार रुपये ले लो, अपना मुंह बंद रखो और मीडिया से दूर रहो। सनसनीखेज खुलासा करते हुए पीडि़ता के पिता ने बताया कि दिल्ली पुलिस का असली चेहरा सामने आ गया है। मालूम हो कि दिल्ली की अबतक की सबसे शर्मनाक और जघन्य वारदात के सामने आने के बावजूद इस मामले में अबतक दिल्ली पुलिस का कोई भी आला अधिकारी सामने नहीं आया है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के गांधी नगर इलाके में नर्सरी में पढ़ने वाली महज पांच साल की मासूम बच्ची को उसके घर की बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले युवक ने अगवा कर लिया और फिर चार दिनों तक उसके साथ बलात्कार किया। घर वाले बच्ची को इधर-उधर ढूंढते रहे। आरोपी ने बच्ची के हाथ-पैर बांध दिये थे और चार दिनों से उसे खाने को कुछ नहीं दिया था। पुलिस ने बताया कि 14 अप्रैल को बच्ची अचानक अपने घर से लापता हो गई।
उसकी तलाश की गई मगर वो नहीं मिली। लोगों ने बताया कि आरोपी भी बच्ची को ढूंढने में घर वालों की मदद करने का ढोंग रच रहा था। घर वालों को अंदाजा भी नहीं था कि जो उनके साथ उनकी बच्ची को ढूंढने में मदद कर रहा है उसी ने उनकी बच्ची को बंधक बनाकर अपने रूम में छिपा रखा है। जब बच्ची नहीं मिली तो 15 अप्रैल को गांधीनगर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई।
बुधवार की दोपहर कमरे से अचानक बच्ची के रोने की आवाज आई। आवाज उसी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर से आ रही थी। घर वालों ने फौरन पुलिस को फोन किया और कमरे का ताला तोड़ा। बच्ची की हालत बेहद नाजुक थी इसलिये उसे आनन-फानन में एलबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। मेडिकल जांच में बलात्कार की पुष्टि हो गई। जांच में पता चला कि आरोपी ने मासूम के साथ कई बार बलात्कार किया था जिससे वो रह-रह कर बेहोश हो जा रही थी।
डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची के पेट से शीशी और मोमबत्ती निकाली गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब उसकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। वहीं आम आदमी पार्टी के मनीष सिसोदिया का कहना है कि जिस अस्पताल में सिटी स्कैन करने की सुविधा नहीं है वैसे अस्पताल में लाकर बच्ची को रख दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर बच्ची को कुछ होता है तो इसके लिए जिम्मेदार दिल्ली पुलिस और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित होगी।