उदयपुर , झूठ–कोर्ट चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा कारित वारदात की सच्चाई को ही बदल दिया गया है। पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस द्वारा डंडे से वार करने की बात को गोल करते हुए इस मामले को दुर्घटना बता दिया है, जिसमें एक फर्जी चश्मदीद गवाह भी तैयार किया गया है। पुलिस रिपोर्ट में मृत मजदूर को शराब के नशे में भी बताया गया है।
कोर्ट चौराहे पर लाल लाइट के दौरान बाइक सवार मजदूर व उसका साथी निकलने का प्रयास कर रहे थे। ट्रैफिक के जवान ने डंडा मारा, जिससे बाइक का संतुलन बिगड़ा और बाइक सीमेंटेड दिशा सूचक से जा टकराई, जिससे मजदूर युवक का लीवर फट गया, और बाद में अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक शराब नहीं पीता था।
उदयपुर। सरेआम शहर के कोर्ट चौराहे पर डंडा चलाकर हादसे को अंजाम देने वाले ट्रेफिक पुलिसकर्मी को कानून की जद से बचाने की कोशिश में तरह-तरह के झूंठ बोले जा रहे हैं। इस हादसे में कल एक मजदूर युवक की मौत हुई थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुलिसकर्मी ने बाइक सवार को रोकने के लिए डंडा मारा, जिससे बाइक चालक का संतुलन बिगड़ा और वह सीमेंटेड दिशा सूचक से टकराकर गंभीर रूप से घायल हो गया। अंतत: उपचार के दौरान 18 वर्षीय नौजवान शौकीन की अकाल मौत हो गई। इस हादसे में बाइक पर सवार दूसरा युवक सैफ अली भी मामूली घायल हो गया। इस मामले में पुलिस को डंडा चलाने वाला सुरक्षाकर्मी अभी तक नहीं मिला हैं। इसलिए धारा ३०४ के तहत अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है। रविवार रात 8.30 से 9.45 के बीच हुई इस घटना की प्रत्यक्षदर्शी एक महिला हेमाबाई को बताया गया है। इसके बयान में कहा गया है कि एक बाइक पर तीन लड़के सवार थे। बाइक चालक के हाथ में शराब की बोतल थी। आश्चर्य तो यह है कि हादसे में न तो शराब की बोतल बरामद हुई है, न ही उसके टूटने से बिखरे कांच मिले हैं। प्रत्यक्षदर्शी महिला झौंपड़ी बनाकर फुटपाथ पर रहती है और वहां से डंडा मारने का घटनास्थल दिखाई भी नहीं देता है। इस प्रकार पुलिस की कहानी सिरे से खारिज हो जाती है।
पुलिस ने एक और कहानी, बाइक का टायर फटने से दुर्घटना होने की बनाई है, जबकि टायर दुर्घटना होने से फटा है। इसमें हेड कांस्टेबल बिहारीलाल का कहना है कि वह प्रत्यक्षदर्शी है और उसने टायर फटने की आवाज सुनी, बाद में देखा तो युवक दुर्घटनाग्रस्त हो चुका था। बिहारीलाल ने १०८ की एम्बुलेंस को फोन किया, तो फोन नहीं मिला। बाद में भूपालपुरा थाने को सूचित किया। घटना स्थल पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के जवानों को नामजद नहीं किया जा सका है, क्योंकि बिहारीलाल सलूंबर में ड्यूटी पर चला गया है। उसके आने पर ही बाकी घटनाक्रम का पता चल सकेगा। वैसे रविवार को वहां सुबह से शाम तक एएसआई हिम्मतसिंह, हेड कांस्टेबल बिहारीलाल, कांस्टेबल अनूपसिंह, सोहनसिंह, प्रेमशंकर, बसंत कुमार, महिला कांस्टेबल और होमगार्ड महेंद्रसिंह की ड्यूटी बताई गई है।
: मेरा भतीजा शौकीन शराब नहीं पीता था। उसने कभी शराब चखी तक नहीं। पुलिस झूठ बोल रही है।
-मोहम्मद रफीक (मृतक का चाचा)
: दोनों युवक झरिया सोसायटी की दुकान में वेल्डिंग का काम करते है। ये कभी शराब का सेवन करते नजर नहीं आए। दोनों ही मेहनती और अच्छे लड़के थे।
-मनोहर बापना, अध्यक्ष, झरिया सोसायटी
: शाम पांच बजे दुकान का काम खत्म करके मस्तान बाबा गए। वहां से शाम को आठ बजे वापस दुकान पर लौटे। साढ़े आठ बजे अपने घर बेकनी पुलिया के लिए रवाना हुए। कोर्ट चौराहा पार कर रहे थे, तभी ट्रैफिक पुलिस ने डंडा मारा और एक्सीडेंट हो गया। बाइक पर हम दोनों ही सवार थे। घटना के बाद मैं ही एक ऑटो को रूकवाकर शौकीन को अस्पताल ले गया। -सैफ अली (मृतक का साथी)
: प्रकरण दर्ज कर लिया है। चश्मदीद गवाह के अनुसार बाइक पर तीन युवक सवार थे। ये तीनों ही शराब के नशे में बाइक चला रहे थे। इस कारण हादसा हुआ। प्रकरण की जांच चल रही है।
-मुकेश कुमार, अनुसंधान अधिकारी