शिक्षक दिवस से एक दिन पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने देश भर के स्टूडेंट्स से लाइव बातचीत की। कई सवालों के जवाब दिए। लेकिन सब कुछ तयशुदा स्क्रिप्ट पर हो रहा था। ये जानकारी कार्यक्रम से जुड़े अफसरों और जिन छात्रों ने सवाल किए, उनके स्कूलों से मिली है। स्टूडेंट्स को मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट, उनके पहनावे और आदतों से जुड़े सवाल पूछने की इजाजत थी।
पीएमओ ने खुद संभाली कमान
पीएमओ और मानव संसाधन मंत्रालय (HRD) के पास ये जिम्मा था। सूत्रों के मुताबिक, स्कूल और स्टूडेंट्स का चुनाव मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने किया था। 15 लोगों की टीम ने सवाल तैयार करके उन्हें दिखाए। पीएमओ की हरी झंडी मिलने के बाद सवाल स्कूलों को भेजे गए। इसके बाद स्कूलों से सवाल पूछने वाले स्टूडेंट्स का ब्योरा मांगा गया। स्टूडेंट्स की रुचि के मुताबिक उन्हें सवाल दिए गए। सवाल पूछते समय बॉडी लैंग्वेज की प्रैक्टिस करीब एक माह से कराई जा रही थी। ये निर्देश भी दिए गए थे कि बच्चों के बाल ठीक से कंघी किए हों, आई कार्ड जरूर हों। छात्रों को रोज एक घंटे सिर्फ सवाल पूछने और फिर शांत होकर सुनने की ट्रेनिंग दी जा रही थी, ताकि कोई गड़बड़ न हो।
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के एक गांव में शुक्रवार को पीएम की क्लास के लिए स्कूल में बैलगाड़ी पर इंतजाम करने पड़े। टीवी और डिश एंटीना की व्यवस्था की गई। बगल के गांवों से भी बच्चे बुलाए गए।
ये सवाल भी पूछे गए…
डिजिटल इंडिया पर
जूनियर मास्टरशेफ का खिताब जीतने वाले देहरादून के सार्थक भारद्वाज ने पूछा-कई जगह बिजली तो आती नहीं, फिर डिजिटल इंडिया कैसे सफल होगा?
जवाब : 18 हजार गांवों में बिजली नहीं है। इसे ठीक करने की कोशिश कर रहा हूं। लेकिन इस सबसे अलग डिजिटल कामकाज के लिए बिजली ही जरूरी नहीं है। सोलर एनर्जी अल्टरनेट है। मोबाइल इसमें उपयोगी है। 2022 तक सभी घरों में 24 घंटे बिजली मिलेगी।
स्वच्छ भारत
वेस्ट मैनेजमेंट पर ऐप बनाने वाली बेंगलुरु की पांच लड़कियों के ग्रुप पेंटागन का सवाल- स्वच्छ भारत की क्या चुनौतियां हैं? क्या मिशन पूरा हो पाएगा?
जवाब : पहले संदेह था। लेकिन लोगों का समर्थन बढ़ने से भरोसा बढ़ा है। मीडिया ने विज्ञापन रोकर स्वच्छता की बातें शुरू की और अब लड़कियां वेस्ट मैनेजमेंट पर ऐप बना रही हैं। विश्वास है कि देश स्वच्छ होगा।
योग दिवस
जवाहर नवोदय विद्यालय की पूजा शर्मा ने पूछा- हाल में हमने विश्व योग दिवस मनाया। आपके प्रयासों से ये हुआ। आपके मन में इसका विचार कहां से आया?
जवाब: बहुत पहले ऑस्ट्रेलिया गया था। वहां लोग योग के बारे में पूछते थे। तभी से मन में चल रहा था। जब मौका मिला तो यूएन में प्रस्ताव रखा, जो सौ दिन में पारित हो गया।
भाषण की कला
दिल्ली की छात्रा श्रेया सिंह ने पूछा- आप बिना लिखा हुआ भाषण देते हैं, ये कला कहां से सीखी?
जवाब : अच्छा भाषण देने के लिए अच्छा श्रोता होना जरूरी है। चिंता मत करिए कि कुछ गड़बड़ हो गया तो लोग क्या कहेंगे। क्या होगा… ज्यादा से ज्यादा लोग हंसेंगे। नोट्स बनाइए। गूगल पर जाइए। यू-ट्यूब पर अच्छे भाषण देने वालों को सुनिए। हालांकि, मैं ऐसा कुछ भी नहीं करता।