उदयपुर। एक बार फिर लौटते मानसून के सक्रिय होने से शहर और आसपास का क्षेत्र तर हो गया है। रविवार से शुरू हुई बारिश की झड़ी मंगलवार दिन तक जारी रही सुबह से आसमान में बादलों का डेरा है और हल्की-तेज बारिश का दौर जारी रहा शहर और आसपास के क्षेत्रों में करीब एक आधा इंच बारिश हुई। रूक-रूक के कभी धीमी तो कभी तेज बारिश से जनजीवन प्रभावित रहा। इधर कैचमेंट एरिया में भी अच्छी बारिश होने से 21 फीट भराव क्षमता वाला छोटा मदार छलक गया । इससे फतहसागर के छलकने की उम्मीद भी बढ़ गई । सोमवार रात से हुई रिमझिम और तेज बारिश के चलते तेज फ्लो से मदार नहर में पानी आने की उम्मीद है। इधर सीसारमा नदी के एक फीट चलने से पीछोला में पानी की आवक बढ़ी है, जिससे स्वरूपसागर भी छलक गया है। मंगलवार सुबह स्वरूप सागर की रपट से पानी गिरना शुरू हो गया। इस मानसून में पहली बार स्वरूप सागर की पूरी रपट से पानी गिरना शुरू हुआ है। सीसारमा नदी भी एक फीट के करीब बह रही है।
स्वरूप सागर पिछले दिनों छलका था, मगर बीच में बारिश का दौर धीमा पडऩे से पानी गिरना काफी कम हो गया। इधर मानसून में पहली बार स्वरूप सागर की रपट से गिरते पानी को देखने स्वरूप सागर पुलिया पर दिन भर लोगों का तांता लगा रहा।
जलसंसाधन विभाग के एईएन भुवनेश्वर माथुर अपनी टीम के साथ सुबह से ही स्वरूप सागर में हो रही पानी की आवक पर नजर रखे हुए है। मौसम के मिजाज को देखते हुए सीसारमा नदी से आवक और तेज होने पर स्वरूप सागर के गेट कभी भी खोले जा सकते है।
इधर, फतहसागर के जलस्तर में भी मामूली बढ़ोतरी हुई है। मदार छोटा तालाब के छलकने का क्रम मंगलवार को भी बना रहा।
सड़कों की खस्ता हाल: फिर से शुरू हुए मानसून ने जहां एक तरफ बिजली विभाग की पोल खोली है, वहीं दूसरी तरफ नगर निगम, यूआईटी और पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई गई सड़कों की परते भी उखाड़ दी। पिछले चार दिन से हो रही बारिश से दुपहिया वाहन धारी खासे परेशान है। हर तरफ सड़कों पर खड्डे बने हुए हंै। उनमें पानी भरा हुआ है, जहां से गुजरने पर कपड़ों के खराब होने की पूरी आशंका रहती है। यूनिवर्सिटी रोड, बीएन कॉलेज रोड, उदियापोल रोड, अमल का कांटा, दूधतलाई आदि कई रोड हैं जहां गड्डों की भरमार हैं।