उदयपुर । पेट्रोल के दाम कम तो हुए है, लेकिन पुरे शहर के पेट्रोल पंप अपने ही मनमाने दाम पर मनमाना पेट्रोल बेच रहे है। शहर के १० किलोमीटर की परिधि में २० से अधिक पेट्रोल पंप है, और सभी जगह अलग अलग दाम में पेट्रोल बिक रहा है। पेट्रोल पम्पो पर ३० से ५० पैसे का अंतर आरहा है। कही ६२.२२ पैसे है तो कही कही ६२. ८३ पैसे है। साथ ही पैट्रोल पंप मालिक अपनी आमदनी के चक्कर में सादा पेट्रोल नहीं भर कर हाई परफॉर्मेंस भर रहे है जो की सादे पेट्रोल से २ से ३ रुपये मंहगा है। सबसे बड़ी बात यह कि इस बात की जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों ही नहीं है। उन्हें तो यह ही नहीं पता कि शहर में पेट्रोल अलग अलग दामों में बिक रहा है।
नियम के विपरीत शहर में अलग अलग दाम :
नियम के मुताबिक़ पुरे नगर निगम क्षेत्र में एक ही रेट में पेट्रोल बेचना जरूरी होता है। लेकिन शहर के सभी पेट्रोल पम्पो ने नियमों को ताक पर रख कर अपने मनमाने नियम लगा दिए है। चेतक सर्कल पर अप्पाजी पेट्रोल पंप पर ६२.53 रुपये लीटर है, वही मात्र १०० मीटर की दुरी पर मॉर्डन सर्विस पर ६२.२२ रुपये है। इससे थोड़ा आगे मध्ुबन में देखे तो ६२.२४ पैसे है। उदियापोल पर ६२.६३ पैसे इसके थोड़ा आगे पारस पर ६२.८३ रुपये तक बिक रहा है। वजह पूछो तो बताते है कि पेट्रोल लाने में आ रहा परिवहन खर्च है। जानकारों का कहना है कि पेट्रोल के घटते दामों की आड़ लेकर सभी कंपनियां तेल परिवहन में हो रहे घाटे की भरपाई रेट में अंतर से कर रही हैं। यही नहीं ऑयल कंपनियों के अफसरों का भी मानना है कि कीमतों पर सरकार का नियंत्रण खत्म हो गया है।
ग्राहकों को मेह्गा पेट्रोल लेने पर किया जारहा है मजबूर :
भारत पेट्रोलियम, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन तीन कंपनियों के पेट्रोल पंप शहर में है, तीनों कंपनियों के पेट्रोल पम्पो में अधिकतर मालिकों ने लूट मचा रखी है । अपने फायदे के लिए जनता की जेब पर डाका डाल रहे है। वाहनों में सादा पेट्रोल नहीं डाल कर एक्स्ट्रा प्रीमियम या स्पीड पेट्रोल डाला जारहा है जो की सादे पेट्रोल से २.५० से ३ रुपये तक महँगा है। यही नहीं चेतक स्थित अप्पा जी पेट्रोल पंप और मधुबन जैसे पेट्रोल पम्पों पर तो सादा पेट्रोल भरना ही बंद कर दिया है। ग्राहकों को मजबूरी में महगा पेट्रोल भरवाना पढ़ रहा है।
अपनी बैलेंस शीट मजबूत कर रही कंपनियां :
अर्थशास्त्रियों के अनुसार पेट्रोल के दामों की कीमतों में घोटाला सरकार से लेकर फुटकर व्यापारी तक कर रहे है। अर्थशाष्त्री प्रेमांशु पंड्या का कहना है कि केंद्र व राज्य सरकार और कंपनियां सभी मानती हैं कि 65 रुपए प्रति लीटर से नीचे पेट्राेल सस्ता है। ऐसे में केंद्र सरकार जहां बार-बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर अपनी तिजोरियां भर रही है। वहीं राज्य सरकारें क्षतिपूर्ति के नाम पर वैट बढ़ाने के साथ नए टैक्स ला रहीं हैं। कंपनियां भी पीछे नहीं है। वे जहां पेट्रोल 4 रुपए सस्ता होने की उम्मीद होती है, वहां केवल 50 पैसे सस्ता करती हैं। बाकी से अपनी बैलेंस शीट मजबूत कर रहीं हैं। अब वे किसी फुटकर व्यापारी की तरह हर डीलर प्वाइंट पर लागत निर्धारण के बाद दाम तय कर रहीं हैं।
इनका कहना ………….
अलग अलग दामों में पेट्रोल बिक रहा है इस बात की जानकारी नहीं है। अभी पेट्रोलियम कंपनियों से पुचता हु। हाई परफोर्मेंस पेट्रोल लेने के लिए किसी को जबरदस्ती नहीं की जासकती अगर एसा कही हो रहा है तो अभी जांच करवाता हूँ। हिम्मत सिंह भाटी , जिला रसद अधिकारी
अलग अलग कंपनियों और ट्रांसपोर्ट की वजह से पेट्रोल पुम्पो के दामों में फर्क आता है। हाई परफॉर्मेंस पेट्रोल के लिए किसी भी ग्राहक से जोर जबरदस्ती नहीं की जासकती उसकी इच्छा हो तो वह पेट्रोल भरा सकता है । भूपाल सिंह , दलाल पेट्रोल पंप संचालक