रिश्वत का आरोपी पटवारी गिरफ्तार

Date:

IMG_0627निर्माण के बदले मांगी 50 हजार की रिश्वत

आरोपी के भाई व उसके दो साथी भी गिरफ्तार

उदयपुर, भ्रष्टाचार ब्यूरों ने बिचौलियो के मार्फ़त रिश्वत लेते यूआईटी के पटवारी को गिरफ्तार किया। पटवारी ने एक निर्माणाधीन मकान को अवैध बताकर पचास हजार रूपये वसूल रहा था। कार्यवाही के बाद पटवारी रातभर एसीबी से छिपता रहा और मंगलवार सुबह भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों ऑफिस आकर आत्मसमर्पण किया।

ब्यूरों के एएसपी राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि माली कॉलोनी टेकरी निवासी प्रेमशंकर नागदा पुत्र दौलतराम नागदा ने 2011 में यूआईटी के नियमानुसार स्वीकृति लेकर अपने प्लॉट पर मकान का निर्माण कार्य शुरू करवाया था जिसकी शिकायत पडौसी सुशील जैन ने यूआईटी में की। जिस पर यूआईटी में पटवारी कैलाश जैन के जरिये प्रेमशंकर को 19 मई 2011 को नोटिस दिया। प्रेमशंकर ने 31 मई 2011 को नोटिस का जवाब भेजा तथा 27 जुलाई को निर्माण कार्यफिर शुरू करवाया। यहीं से यूआईटी पटवारी कैलाश जैन को गिद्द नजरे प्रेमशंकर पर जम गई और उसने मकान को अवैध करार देते हुए निर्माण कार्य रूकवा दिया। कुछ समय काम रोकने के बाद प्रार्थी ने 9 जनवरी को निर्माण कार्य फिर से शुरू करवा दिया तो पटवारी कैलाश जैन अपने असली रूप में आते हुए धमकी पर उतर आया और मकान को दो दिन में तुडवाने की धमकी दे डाली और कहा कि यदि मकान बनाना है और निर्माण कार्य निर्बाध रूप से चालू रखना है तो दो लाख रूपये मुझे दे दो। तब प्रार्थी ने रिश्वत के रूपयों में मौल-भाव किया और बात 50 हजार पर आकर तय हुई।

इसके बाद प्रार्थी प्रेमशंकर नागदा ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों में शिकायत की जिसकी सत्यापन के बाद डिप्टी राजीव जोशी के नेतृत्व में पुलिस निरीक्षक सुंदरलाल सोनी, अख्तर खां, दानिश खां, मुनीर खां, दिनेश मीणा, शैलेन्द्र सिंह और बाबूलाल की टीम गठित की गई।

ब्यूरों के निर्देश पर प्रार्थी ने पटवारी को रूपये लेने के लिये फ़ोन किया तो पटवारी ने अपने एजेन्ट गणपति प्लाजा के पास स्थित मुखर्जी चौक किराणा व्यवसायी अजित पुत्र साहेबलाल जैन की दुकान पर पैसे देने को कहा। जब प्रार्थी वहां पहुंचा तो एजेन्ट अजीत का भाई अशोक जैन दुकान पर बैठा था जब प्रार्थी ने अजीत के बारे में पूछा तो अशोक ने कहा कि अजीत ने तुमसे 50 हजार रूपये मुझे लेने को कहा है, वह पटवारी कैलाश जैन तक पहुंचा देगा। अशोक ने पैसे लेकर कैलाश जैन को फ़ोन किया तो मात्र पांच मिनट में कैलाश जैन का भाई शिखर जैन मुखर्जी चौक आ गया और उसी वक्त ब्यूरों की टीम ने अशोक और शिखर जैन को दबोच लिया और अजित को मौके पर बुलाकर उसे भी गिरफ्तार कर लिया।

IMG_0626

इधर कार्यवाही की भनक लगते ही मुख्य आरोपी पटवारी कैलाश जैन अपना मोबाइल बंद कर भाग गया जिसको एसीबी टीम रातभर कई जगह छापे मारकर तलाशती रही। मंगलवार को सुबह आरोपी कैलाश जैन खुद ही ब्यूरों कार्यालय समर्पण करने चला आया।

पोस्ट पटवारी की, तेवर पुलिसिया: पटवारी कैलाश जैन (50) पिता जमनालाल जैन निवासी अशोक विहार युनिवरसिटी रोड चेहरे से भोला भाला लगने वाला पटवारी असल में पूरे पुलिसिया तेवर में रहता था और यही नहीं ब्यूरों द्वारा पकडे जाने पर भी पटवारी को कोई शर्म नहीं थी और वहां भी अंदाज उसका ऐसा था मानो कोई रिश्वत लेते नहीं, अपने हक के पैसे लेते गिरफ्तार किया हो। मीडिया के कैमरों के सामने ठाठ से मुस्कुराते हुए कह रहा था कि मेरा फ़ोटो लो रिश्वत मैंने ली है इन्होंने नहीं। यही नहीं जब कैलाश जैन की लालची निगाह प्रेमशंकर के निर्माण पर पडी तब से ही प्रेमशंकर पटवारी की लाल डायरी में चढ गया था और पटवारी उस पर निगाह रखे हुए था। जब नियमानुसार प्रेमशंकर ने यूआईटी की सारी शर्ते पूरी कर निर्माण शुरू कर दिया तो पटवारी पुलिसिया तेवर में आते हुए फ़ोन पर ही निर्माण ध्वस्त करने की धमकी देने लगा और सीधे ही 2 लाख की मांग कर बैठा जिसमें जो वार्ता उसके अनुसार पटवारी गाली गलौच वाले अंदाज में ही धमकाते हुए रूपये देने की बात कहता रहा।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Quantum Alrex Remark 2024: Fraud Or Legit Trading System? Items Because of the Pros!

BlogsThe End To your Bitcoin Alrex six.six - trade...

Relationships Anywhere between Forex trading an internet-based Banking

As you may be familiar with some of the...

1win vs Конкуренты: Что Делает Его Уникальным?

1win vs Конкуренты: Что Делает Его Уникальным?В современном мире...