उदयपुर. बाहरी शहर के आबादी क्षेत्र में पैंथर आने की घटनाएं पहले से होती रही हैं, लेकिन अब शहर के बीच में भी इनकी गुर्राहट सुनाई देने लगी है। मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय परिसर में पैंथर का पगफैरा इस कदर बढ़ गया है कि वहां रहने वाली कर्मचारी भयभीत हैं। वहां गुरुवार में रात करीब डेढ़ बजे आए पैंथर ने गाय के बछड़े को उठाने का प्रयास किया। हालांकि इस दौरान जाग हो जाने से वह भाग छूटा।
विश्वविद्यालय परिसर में विधि महाविद्यालय के निकट जगदीश रावत के घर रात डेढ़ बजे वहां बंधे बछड़े के रंभाने की आवाज सुनी गई। इस पर जगदीश और अपने पुत्र नरेन्द्र के साथ लाइट जलाकर बाहर आए तो पैंथर वहां से भाग गया। बछड़े की गर्दन पर पैंथर के दांत के घाव थे। सुबह वन विभाग को सूचित करने पर शूटर सतनाम सिंह वहां पहुंचे। बछड़े को चेतक सर्कल स्थित पशु चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, वहां उसका उपचार चल रहा है।
मिट गए पगमार्क
शूटर सतनाम ने प्रयास किया तो पैंथर के पगमार्क नहीं मिले। माना जा रहा है कि लोगों की आवाजाही होने से पगमार्क मिट गए। विभाग ने सप्ताहभर पहले विधि महाविद्यालय के पास पिंजरा लगाया था। इसे फिर समतल जगह पर लगाया गया। आस-पास रहने वालों से पैंथर आने पर उसके पगमार्क पर गोला लगाने तथा फोटो लेने को कहा गया।