उदयपुर जिले में गत पंचायत राज चुनाव में कुल 14 हजार में से 2 हजार उम्मीदवारों ने चुनाव लडऩे के लिए झूठे शपथ पत्र दे दिए। इनके घर में शौचालय है ही नहीं लेकिन शपथ-पत्रों में शौचालय होने का दावा कर दिया। इस संबंध में हुए सर्वे में इसका खुलासा हुआ है। अब इन सभी पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
गौरतलब है कि पंचायत राज चुनाव में पंच से लेकर जिला परिषद सदस्य का चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों के लिए सरकार ने अनिवार्य रूप से शौचालय होने की शर्त रखी थी। लेकिन, चुनाव बाद हुए सर्वे में सामने आया है कि चुनाव लडऩे के लिए जिले में 2 हजार उम्मीदवारों ने शपथ पत्र झूठे दे दिए। इनमें कुछ जीते, कुछ चुनाव हार गए।
रिपोर्ट के मुताबिक जिले में कुल 14 हजार उम्मीदवार खड़े हुए थे, जिनमें से लगभग 2 हजार अभ्यर्थियों के घरों पर शौचालय नहीं है। जबकि, उन्होंने नामांकन पत्र के साथ दिए शपथ पत्र में उन्होंने इसका उल्लेख किया था।
घर-घर किया सर्वे
स्वच्छ भारत मिशन के तहत पंचायत राज विभाग ने शपथ पत्रों की सच्चाई पकडऩे के लिए प्रदेश स्तर पर संबन्धित ग्राम सेवकों, सहायक ग्राम सेवकों के जरिये शौचालय संबन्धी सत्यापन कराया। इसके लिए पंच, सरपंच के साथ पंचायत समिति व जिला परिषद सदस्य उम्मीदवारों के घर-घर दस्तक देकर भौतिक सत्यापन किया गया।
ले में केवल गिर्वा व बडग़ांव पंचायत समिति क्षेत्रों के उम्मीदवारों के शपथपत्र सही पाए गए। इन क्षेत्रों में क्रमश: 2199 व 570 उम्मीदवार थे और सभी के शपथ पत्र सही पाए गए।
अयोग्यता की तलवार
पंचायत राज विभाग के सूत्रों के अनुसार शपथ पत्र झूठा पाए जाने पर संबन्धित के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। प्रत्याशी को अगले चुनाव के लिए अयोग्य करार भी दिया जा सकता है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के.सी. लखारा ने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट मिल गई है। इसे पंचायतराज सहित निर्वाचन विभाग को भेजा जाएगा। निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।