उदयपुर। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती का विरोध किसी भी तरह कम होने नाम नहीं लेरहा। राजस्थान के करीब करीब हर समाज के संगठनों ने फिल्म प्रदर्शन को लेकर आपत्ति जताई है। इसी कड़ी में आज भिंडर की जनता सेना ने जिला कलेक्ट्री पर धरना दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन देकर फिल्म के प्रदर्शन को रोकने की मांग की है।
भिंडर की जनता सेना ने आज जिला कलेक्टर पर धरना दिया जिसमे विधायक रणधीर सिंह भिंडर ने भी भाग लिया। जनता सेना के कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्री पर धरने के दौरान प्रदर्शन किया और फिल्म पद्मावती के प्रदर्शन को रोके जाने की मांग की है। इधर धरने में शामिल रंधीर सिंह भिंडर ने गृहमंत्री गुलाब चाँद कटारिया के उस वक्तव्य का जवाब भी देदिया कि कटारिया ने कहा था फिल्म प्रदर्शन के दौरान किसी को कानून नहीं तोड़ने दिया जाएगा। कटारिया के घोर विरोधी माने जाने वाले रणधीर सिंह भिंडर ने पलटवार करते हुए आज कहा कि फिल्म का प्रदर्शन अगर नहीं रोका गया तो कानून क्या फिर तो हम बहुत कुछ तोड़ देंगे। भिंडर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन दिया जिसमे बताया कि फिल्म में तथ्यों को मोड़ तोड़ के पेश किये जाने की पूरी संभावना है क्यूँ कि अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तोडगढ पर आक्रमण सामरिक महत्त्व के चलते किया था। और पद्मावत मालिक मोहम्मद जायसी ने लिखी थी जो दुर्ग आक्रमण के २२४ साल बाद लिखा गया। खुद मालिक मोहम्मद जायसी का कहना है कि पद्मावत सिर्फ रूपक के रूप में लिखा गया है। ऐसे में फिल्मकार संजय लीला भंसाली उस उपन्यास को इतिहास बता कर फिल्म में लाना चाहता है जो किसी भी सूरत में मानी नहीं है। रणधीर सिंह भिंडर ने कहा कि रानी पद्मावती की जीवनी पर बनी फिल्म में जिस तरह से रानी पद्मावती को नाचते हुए दिखाया गया है वह अपमानजनक है। इस फिल्म के निर्माण से पहले मेवाड़ से एक व्यक्ति को फिल्म निर्माता से मिलने भेजा था। उस समय ही तय हो गया था कि फिल्म की कहानी को राजघराने के पास भेजा जाएगा लेकिन ऐसा नही हुआ और फिल्म का निर्माण कर दिया साथ ही करणी सेना के विरोध के बाद तय हुआ था कि फिल्म को रिलीज करने से पहले आपत्तिजनक दृश्य को हटाया जाएगा और ऐसा भी नही हुआ। इतना ही नही अब प्रोमो रिलीज किया गया है जिसमें आपत्तिजनक दृश्य है तो पूरी फिल्म में कितने दृश्यआपत्तिजनक होंगे। जनता सेना ने प्रधानमंत्री से फिल्म के प्रदर्शन को रोकने की मांग की है फिल्म प्रदर्शित करने की सूरत में उग्र आन्दोलन की चेतावनी भी दी है।
पद्मावती का प्रदर्शन नहीं रुका तो कानून ही नहीं बहुत कुछ टूटेगा
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