उदयपुर। पद्मावती फिल्म पर रोक नहीं लगी तो देश में बहुत कुछ जल जाएगा।फिल्म में अलाउद्दीन के साथ पद्मिनी का प्रेम प्रसंग दिखाना कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महारानी पद्मिनी पर संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म “पद्मावती” के विरोध में सर्व समाज एवं विभिन्न संगठनों के आह्वान पर आयोजित चित्तौड़गढ़ बंद का भारी असर शहर में दिखाई दिया। किले की पाडन पोल से बंद समर्थक विशाल जुलूस के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और राष्ट्रपति के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर फिल्म पद्मावती पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की।
ज्ञापन देने से पूर्व जुलूस में शामिल लोगों ने चैराहे पर मानव श्रृंखला बनाकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन और लोगों के आक्रोश को देखते हुए अतिरिक्त जिला कलक्टर को मौके पर पहुंचकर ही ज्ञापन लेना पड़ा। बंद के आह्वान को देखते हुए सभी निजी स्कूलों सहित आवश्यक सेवाएं भी बंद शुक्रवार को चित्तौड़गढ़ में बंद रही। इतिहास से छेड़छाड़ के मामले को लेकर किए गए बंद बंद में सांसद और विधायक ने भी शामिल होकर समर्थन दिया। इस दौरान शहर के बाजार जिनमें सदर बाजार, गांधी चैक, गोल प्याऊ चैराहा, सुभाष चौक, प्रतापनगर, कुंभानगर, कलेक्ट्रेट चैराहा, मीरा नगरी, महाराणा प्रताप सेतु मार्ग, न्यू क्लॉथ मार्केट सहित विभिन्न बाजार के व्यापारियों ने फिल्म के विरोध में स्वेच्छा से ही अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। विभिन्न सामाजिक संगठन और व्यापारिक संगठन के आह्वान पर आयोजित बंद से पूर्व बड़ी संख्या में बंद समर्थक पाडनपोल दरवाजे पर पहुंचे और एक खुली जीप में महारानी पद्मिनी का चित्र स्थापित कर शहर के मुख्य मार्गों से जुलूस निकाला गया। जुलूस के गोल प्याऊ चैराहा पर पहुंचने पर सांसद सीपी जोशी भी पहुंचे और इतिहास के साथ छेड़छाड़ के मामलों का विरोध करते हुए कहा कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ किसी भी तरीके से बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जुलूस में शामिल बड़ी संख्या में लोग सीधे ही कलेक्ट्रेट चैराहे पहुंचे जहां जुलूस सभा में तब्दील हो गया। सभा में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेन, रेडिमेड होजरी एसोसिएशन, चारभुजा कुमावत सेवा संस्थान, गैर अनुदानी शिक्षण संस्थान, वैष्णव बैरागी युवा संस्थान, गुर्जर समाज, अग्रवाल समाज, माहेश्वरी समाज, जैन समाज, खटीक समाज, स्वर्णकार समाज, अफीम किसान संघर्ष समिति, फार्मासिस्ट एसोसिएशन, दवा व्यवसाय एसोसिएशन, बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद सहित सभी समाजों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में पद्मावती फिल्म की रीलिज के विरूद्ध स्वर बुलंद किए।
करणी सेना के संस्थापक लोकेन्द्रसिंह कालवी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि संजय लीला भंसाली से लिखित में दिया था कि अलाउद्दी और पद्मिनी के निजी जीवन को अलाउद्दीन खिलजी और पद्मावती के तौर पर नहीं दिखाएंगे।
फिल्म का प्रमोशन जब भी होगा, उससे पहले यह फिल्म सामाजिक संगठनों और इतिहासकारों को दिखाई जाएगी। यह धोखाधड़ी है। आवश्यकता है कि प्रधानमंत्री इस मामले में हस्तक्षेप करे। बात नहीं बनी तो न्यायालय की शरण ली जाएगी।
कालवी ने कहा कि भंसाली का दुर्भाग्य था कि ताली बजाते वक्त हाथों के बीच उनका सिर आ गया था तो थप्पड़ लग गए। उन्होंने कहा कि हम चाहते है कि इतिहास को लेकर जो भी फिल्में बने, उस पर प्री सेंसर बोड़ बने क्यों कि सेंसर बोर्ड तो काम खत्म होने के बाद काम करता है।
प्रदर्षन में श्री राश्ट्रीय राजपूत करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी, राजपूत करणीसेना के प्रदेश अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना, जिला प्रमुख लीला जाट, सभापति सुशील शर्मा, प्रधान प्रवीणसिंह, विहिप के जिला मंत्री सुधीर भटनागर, मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के तेजपालसिंह खोर, नगर अध्यक्ष प्रदीपसिंह नारेला, कोषाध्यक्ष पुष्पेंद्रसिंह चैहान, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के जिलाध्यक्ष बृजेंद्रसिंह भाटी, करणी सेना के जिलाध्यक्ष गोविंदसिंह खंगारोत सहित समग्र समाज और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे। दूसरी तरफ केंद्रीय सेवक स्मृति ईरानी ने फिल्म व्यवसाय से जुड़े करण जौहर के एक सवाल के जवाब में कहा कि पद्मावती फिल्म के रीलिज को लेकर राजस्थान में कोई समस्या नहीं आएगी। भारतीय आर्थिक शिखर सम्मेलन में फिल्मकार करण जौहर ने स्मृति ईरानी से जानकारी मांगते हुए पूछा था कि फिल्म के प्रदर्शन को लेकर राजस्थान प्रदेश में समस्याएं आ सकती हैं। जिसके जवाब में स्मृति ईरानी ने आश्वस्त करते हुए कहा कि फिल्म प्रदर्शित होकर रहेगी तथा क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। गौरतलब है कि फिल्म को लेकर राजस्थान प्रदेश ही नहीं वरन गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश में भी फिल्म के प्रदर्शन को लेकर विरोध जताया जा रहा है।