उदयपुर। विवादित फिल्म padmavati के लिए चाहे सेंसर बोर्ड ने “आई” हटा कर पद्मावत नाम और इका दुक्का परिवर्तन कर रिलीज करने की अनुमति देदी हो, लेकिन पद्मावती के वंशज मेवाड़ राज घराने ने फिल्म को नकार दिया है। Mahendr Singh Mewar और Arvind Singh Mewar ने साफ़ टूर पर कहा है कि यह फिल्म रिलीज़ करने लायक है ही नहीं। इसमें सिर्फ राजपूतों का ही नहीं मुस्लिमों का भी एक तरह से अपमान किया गया है।
फिल्म की रिव्यू कमिटी में शामिल अरविन्द सिंह मेवाड़ के साथ अन लोगों ने भी आपत्ति जताते हुए रिलीज नहीं करने की सिफारिश की है।
Mewar के पूर्व राजघराने के अरविन्द सिंह मेवाड़ और महेंद्र सिंह मेवाड़ ने साफ़ टूर पर कहा है कि यह फिल्म इतिहास के साथ छेड़छाड़ तो है ही लेकिन हिन्दू – मुस्लिम में आपस में झगड़ा फसाद करवाने वाली फिल्म भी है। अरविन्द सिंह मेवाड़ ने कहा है कि फिल्म में सिर्फ राजपूतों का ही नहीं मुस्लिमों का भी अनादर बताया है।
रिव्यू कमेटी में शामिल मेवाड़ पूर्व राजघराने के अरविंद सिंह मेवाड़ नेकहा कि फिल्म देखने के बाद सभी तीनों सदस्यों ने फिल्म को रिलीज नहीं करने की सिफारिश की। लेकिन बोर्ड ने नाम बदलकर कुछ कट लगाकर खुद ही रिलीज करने का फैसला ले लिया।
इग्नूके प्रो. कपिल कुमार नेकहा कि फिल्म में कल्पना को तथ्यों के रूप में पेश कर भ्रम पैदा किया था, हमने आपत्ति की। फिल्म मूल स्वरूप में रिलीज होती तो विवाद ज्यादा बढ़ सकता था। इतिहास का इस्तेमाल पैसा कमाने में हो रहा है।
गौरतलब है कि सेंसर बोर्ड बिना कट लगाए फिल्म को U/A certificate देने काे तैयार हो गया है, लेकिन फिल्म का नाम बदलकर पद्मावत करने सहित 5 बदलाव की शर्त रखी है। निर्माता संजय लीला भंसाली भी बदलाव को तैयार हैं। दूसरी ओर, रिव्यू कमेटी में शामिल मेवाड़ के पूर्व राजघराने के अरविंद सिंह ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा- मेरे साथ सभी तीनों सदस्यों ने फिल्म को रिलीज नहीं करने की सिफारिश की। फिल्म ऐसी है कि नाम बदलने के बाद भी हिंदू-मुस्लिमों में फसाद होने की संभावना है।
इधर विवादित फिल्म पद्मावती के संशोधन के लिए पहली कमेटी में शामिल नहीं करने और गुपचुप तरीके से दूसरी कमेटी बनाकर निर्णय गुप्त रखने के मामले में मेवाड़ के पूर्व राजघराने के पूर्व महाराणा महेन्द्र सिंह मेवाड़ ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के चेयरमैन प्रसून जोशी की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि जोशी की कार्यशैली की जांच हो। कोई गड़बड़ी मिली तो सरकार उनसे इस्तीफा ले। उन्होंने पत्र में लिखा है कि ऐसा लग रहा है कि समुदायों के बीच माहौल बिगाड़ने के लिए इस फिल्म के जबरदस्ती प्रदर्शन की कोशिश की जा रही है। मेवाड़ ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और केन्द्रीय राज्य सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ को लिखे पत्र में कहा है कि उनके पुत्र विश्वराज सिंह मेवाड़ को 21 दिसम्बर को सीबीएफसी के चेयरमैन जोशी ने फिल्म पद्मावती की रिव्यू कमेटी के लिए आमंत्रित किया था। जिसके बाद विश्वराज सिंह ने कमेटी में शामिल होने से पहले सवाल पूछा कि आप हम सदस्यों से क्या चाहते हैं, इसका लिखित में जवाब दें। लेकिन कमेटी के किसी भी सदस्यों को इसका जवाब नहीं मिला। सिर्फ टेलीफोन पर ही बात सीमित रही। इस बीच सीबीएफसी ने गुपचुप तरीके तीन लोगों की कमेटी गठित कर दी। फिर उस कमेटी में अभी तक क्या हुआ, वह भी पूरी तरह गुप्त रखा गया है। मैं आश्वस्त हूं कि कमेटी में तीन में से दो सदस्यों ने फिल्म के प्रदर्शन को नकारा है। बावजूद प्रसून जोशी ने फिल्म में पांच सुधार करने का दावा करते हुए U/A certificate जारी करने का ऐलान कर दिया।