-मामूली बुखार, खांसी-जुकाम तक की नहीं मिलती दवा
उदयपुर। निशुल्क दवा योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। एमबी हॉस्पीटल में आने वाले मरीजों को मामूल बुखार, खांसी-जुकाम तक की दवाइयां नहीं मिलती है। घंटो लाइन में खड़े रहने के बाद निराश लौटना पड़ता है। इसके साथ ही दवा स्टोर पर काम करने वाले कर्मचारी भी ढंग से बात नहीं करते हैं। मरीजों को झिडक़ते हुए भगा देते हैं।
कांग्रेस शासनकाल में शुरू हुई निशुल्क दवा योजना अब जनता के लिए ही परेशानी का कारण बन गई है। बीमार लोग आसपास के गांव से आते हंै और निराश होकर वापस चले जाते हैं। आज भी ऑउटडोर के सामने स्थित पांच निशुल्क दवाघर में से तीन खुले हुए थे, जहां बीमारों की लंबी लाइनें लगी हुई थी। मरीजों का कहना है कि धूप में दो-दो घंटे खड़े रहने के बाद भी नंबर नहीं आता है और बाद में सुनना पड़ता है कि दवा नहीं है। मरीजों का कहना है कि मामूली सर्दी-खांसी और बुखार तक की दवाइयां स्टोर पर उपलब्ध नहीं है। हवाला से आए जगदीश मेघवाल ने बताया कि उसकी छोटी बहन को बुखार है और पिछले दो घंटे से लाइन में लगा हुआ था, जब नंबर आया, तो दवाई के लिए मना कर दिया गया। देबारी निवासी मोहनलाल का कहना है कि उसकी बेटी वार्ड 25 में दो दिन से भर्ती है। अब तक जितनी दवाइयां लिखी गई, वो सभी बजार से लानी पड़ी। स्टोर पर एक ही जवाब मिलता है कि दवा उपलब्ध नहीं है। अस्पताल परिसर में स्थित निशुल्क दवा स्टोर पर ८० प्रतिशत दवाइयां उपलब्ध नहीं है, जो मरीजों को बाहर से लानी पड़ती है।