हमारी इंसानियत मर चुकी है, संवेदनाएं बची ही नहीं – खुद का इंसान होना भूल चुके है ?

Date:

पोस्ट न्यूज़। कोई सड़क पर तड़प रहा है,.. किसी मजबूर को कोई ज़ालिम पीट रहा है,.. कोई मदद के लिए चिल्ला रहा है,.. और कोई महिला सड़क पर अचेत पड़ी है उसका मासूम बच्चा माँ माँ कहता हु भूख से बिलख रहा है,.. लेकिन इन सब की सहायता करना तो दूर हम अपने में ही मस्त अपना स्मार्ट फोन निकाल कर इन मजबूरों की वीडियो निकालते है, और फिर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बड़े बड़े ज्ञानियों की तरह सिस्टम और जाने किस किस को कोसते है फिर शुरू होता है लाइक और कमेन्ट बाजी का दौर जिसमे आपकी सब वाहवाही करते है कोई अंगूठा उंचा करता है कोई ग्रेट जॉब कहता है तो कोई क्या ,.. लेकिन असल में आपने कितना घटिया और नीच काम किया है यह खुद कि आत्मा से नहीं पूछते। क्या हो जाता अगर उस मजबूर की मदद कर लेते बिना किसी सोशल मीडिया पर शेयर किये हुए एक इंसानियत के नाते एक इंसान होने का फ़र्ज़ निभा देते। लेकिन नहीं हमारी इंसानियत तो जैसे मर चुकी है और यह द्रश्य अब आम हो चुके है।
बीती रात भीलवाडा के जहाज पुर में भी एसा ही हुआ जहाजपुर के बस स्टैंड पर शनिवार रात 8:15 बजे के करीब सरे बाजार मां सड़क पर अचेत पड़ी थी। भूखा-प्यासा 11 माह का मासूम रोते हुए उसे उठता रहा। बार-बार मां को सहलाता और हाथ खींचता लेकिन मां निढाल थी। मासूम बिलख रहा था, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। लोग तमाशबीन बने रहे। कुछ लोगों ने मां को होश में लाने के लिए पानी के छींटे दिए लेकिन वह सिर्फ करवटें ही बदलती रही। कई लोग इसका वीडियो बनाने और उसे वायरल करने में लगे हुए थे। भीड़ इकट्ठी देखकर पुलिस पहुंची और मां को अस्पताल में भर्ती कराया। उसके इस तरह अचेत होने का फिलहाल कारण पता नहीं चला। महिला का पति बस स्टैंड के आसपास ही था। लोग उसे पकड़ कर महिला व बच्चे के पास लाए लेकिन वह शराब के नशे में धुत था। पुलिस मौके पर पहुंची तो लोगों की मदद से महिला व बच्चे को एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया।
एसा यह इकलोता उदाहरण नहीं है कुछ समय पहले उदयपुर शहर में ही स्कूली बच्चों से भरा ओटो पलट गया लोगों ने मदद करने के पहले अपने मोबाइल फोन निकाले और फोटो क्लीक किये बाद में उनकी मदद के लिए गए शुक्र कि किसी बच्चे को कही खरोच तक नहीं आई। भटेवर के आगे एक एक्सीडेंट में दो लोगों की ट्रक के निचे आने से मौत हो गयी लोग बजाय कुछ मदद करने के लाशों के साथ सेल्फी तक लेते रहे। आखिर हमारी संवेदनाएं कहा गयी ,.. इंसानियत कहाँ मर गयी क्यूँ हम इंसान होने का फर्ज नहीं निभाते .जब कभी भी किसी मजबूर की मजबूरी की तस्वीर उतारो उसका विडियो बनाओ तो एक बार अपने आप से यह सवाल जरूर पूछना।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Unleash your wildest dreams with taboo sex chat

Unleash your wildest dreams with taboo sex chatTaboo sex...

Jogos, Apostas E Promoções Online

Site Oficial Do Cassino Do BrasilContentAplicação Na Versão No...

1win Pc ᐉ Téléchargez 1win Pour Pc Windows Ou Maco

1win Apk ᐉ Télécharger 1win Côte Divoire Apk Janvier...