उदयपुर। प्रदेश में शराब तस्करी और अवैध शराब के बेचान पर रोक लगाने के लिए आबकारी विभाग ने तस्करों की हिस्ट्रीशीट खोलने का निर्णय किया है। आबकारी विभाग ने गुंडा एक्ट में यह कार्रवाई करने के निर्देश पुलिस विभाग को दिए हैं। अब दूसरी बार पकड़े जाने वाले तस्कर की हिस्ट्रीशीट खोलकर उसे जिलाबदर या गुंडा एक्ट में सख्त कार्रवाई की जाएगी। आबकारी विभाग द्वारा प्रदेश में शराब तस्करी और अवैध शराब के बेचान पर रोक लगाने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हंै, जिसमें कोई व्यक्ति शराब तस्करी में दूसरी बार गिरफ्तार होता है, तो उसकी हिस्ट्रीशीट खोलकर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उस व्यक्ति को गुंडा एक्ट में लेकर जिलाबदर तक किया जा सकता है। आबकारी आयुक्त ओपी यादव ने बताया कि तस्करों पर कार्रवाई करना पुलिस का काम है, जिसके लिए आबकारी विभाग द्वारा पुलिस को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं।
तस्करों का गढ़ है उदयपुर : हरियाणा से गुजरात तस्करी होने वाली शराब उदयपुर होकर ही जाती है। यहां के अधिकांश बदमाश शराब तस्करी से जुड़े हैं, जिसमे चित्तौडग़ढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, खेरवाड़ा आदि के कई तस्कर शामिल है। यह तस्कर राजस्थान-गुजरात बॉर्डर पास करवाकर शराब की तस्करी करते है। शराब के अवैध ट्रक प्रदेश में सबसे अधिक उदयपुर जिले में चित्तौड़, अहमदाबाद हाइवे या नाथद्वारा-अहमदाबाद हाइवे से गुजरते हैं।
अब तकअधिकतर मामलों में शराब लेकर जा रहे ड्राइवर और खलासी पर ही कार्रवाई होती है जबकि तस्करों पर कभी शिकंजा नहीं कसा गया। लेकिन आबकारी विभाग के इस आदेश के बाद संभाग के कई तस्करों की हिस्ट्रीशीट खुल जाएगी और पुलिस इन पर कड़ी कार्रवाई कर सकेगी। जानकारी के मुताबिक एक बार हिस्ट्रीशीट खुलने के बाद तस्करी के मामले में पुलिस उन पर जिलाबदर, तड़ीपार जैसे कार्रवाई भी कर सकती है।
अवैध शराब बनाने और बेचने वालों पर भी कसेगा शिकंजा : आबकारी विभाग के इन आदेशों के बाद गांवों में जो लोग नियमित रूप से अवैध शराब बनाने का काम करते हैं, उन पर भी शिकंजा कसा जाएगा। कोटड़ा, खेरवाड़ा, डूंगरपुर के कई गांवों में अवैध शराब बनाने का काम होता है। साथ ही लाइसेंस के अतिरिक्त अवैध शराब बेचने वालों पर भी इसी आदेश के तहत गुंडा एक्ट में कार्रवाई होगी।
शराब तस्करों की खुलेगी हिस्ट्रीशीट
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