उदयपुर। शनिवार… आज सुबह को… टेंप्रेचर ने इस बात के तो संकेत दे दिए हैं कि गर्मी अपने गर्म तेवर और दिखाएगी। इस बात की पुष्टि मौसम विभाग के अधिकारी भी कर रहे हैं, जिससे लोग और भी परेशान हो गए हैं। काम हैं तो घर पर भी नहीं बैठा जा सकता है। सभी को बाहर निकलना है और फेस करना है इस चिलचिलाती धूप को। सावधान, ये धूप आपको हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन का शिकार भी बना सकती है।
क्या है सन स्ट्रोक
कार्डियोलोजिस्ट डॉक्टर का कहना है कि ब्रेन में हाइपोथैलेमस पार्ट होता है, जो बॉडी के टेम्प्रेचर को 95 से 98.6 फैरनहाइट के बीच में कंट्रोल करता है। जब हीट की वजह से हाइपोथैलेमस एबनॉर्मल काम करने लगता है, तो बॉडी का टेम्प्रेचर बढने लगता है, जिसे मेडिकल भाषा में सन स्ट्रोक (लू लगना) कहते हैं।
पड़ते हैं कई दुष्प्रभाव
डॉक्टर का कहना है कि जब गर्मी बढ़ती है, तब बॉडी से इसे बाहर निकालना जरूरी होता है। आमतौर पर यह हीट पसीने के जरिए बाहर निकलती है। जब सन स्ट्रोक होता है, तब यह हैम्पर कर जाता है, जिसकी वजह से हाइग्रेड फीवर हो जाता है। कई बार सन स्ट्रोक की वजह से बॉडी के ऑर्गन पर भी प्रभाव पड़ता है। गर्मी की वजह से कुछ लोगों में ब्लड का आरबीसी टूटने लगता है, जिसे हाइपरथर्मिया कहते हैं। कुछ लोगों के ब्लड में पोटैशियम की मात्रा बढ़ जाती है, जिसे हाइपरक्लेमिया कहा जाता है। इसकी वजह से हार्ट का रिदम डिसऑर्डर हो जाता है।
लू लगने के लक्षण
-लंबे समय तक तेज बुखार
-उल्टी-दस्त
-सिर दर्द
-चक्कर आना
-जी घबराना
ऐसे करें बचाव
-तेज गर्म हवाओं में बाहर जाने से बचें और नंगे बदन और पैर धूप में न निकलें।
-घर से बाहर पूरे और ढीले कपड़े पहनकर निकलें।
-खाली पेट बाहर न जाएं और ज्यादा देर तक धूप में रहने से बचें।
-चेहरे को ढक कर बाहर निकलें और हो सके तो चश्मे का प्रयोग करें।
-बहुत ज्यादा पसीना आ रहा हो, तो तुरंत ठंडा पानी न पीएं। सादा पानी धीरे-धीरे पीएं।
-दिनभर में कम से कम 10-12 गिलास पानी पीएं।
-गर्म और हैवी मील लेने से बचें।
-लिक्विड डाइट लें।
-अपने शरीर में सॉल्ट और मिनरल्स की कमी न होने दें।
-कॉटन और खादी के कपड़े पहनें।
-दिन में दो बार ठंडे पानी से नहाएं।
-पानी के साथ-साथ रस भरे फलों का सेवन करें।
-जिम न जाने की हालत में घर पर ही एक्सरसाइज या योग करें।
-सुबह खुली हवा में टहले।
-आंखों के इंफेक्शन और धूल-मिट्टी से बचने के लिए सनग्लासेज लगाएं।
-ब्लैक की जगह हल्के रंग के छाते का इस्तेमाल करें।
सन स्ट्रोक के बाद का इलाज
-लू लगने की हालत में मरीज को ठंडी और छांव वाली जगह पर ले जाएं।
-शरीर पर गीला कपड़ा रखें।
-शरीर का तापमान कम करने की कोशिश करें।
-फीवर कंट्रोल न हो तो आइस की पट्टी रखें।
घरेलू उपायों से दूर करें परेशानी
-सन बर्न से बचने के लिए टमाटर का पेस्ट काफी कारगर है।
-धूप की वजह से झुलसे हुए चेहरे पर तरबूज और एलोवेरा का पेस्ट लगाएं।
-गुलाब जल, नींबू, खीरा और दही के मिश्रण को चेहरे पर लगाने से चेहरे की ताजगी बनी रहेगी।
-पानी में फिटकरी मिलाकर आइस क्यूब में रखकर फ्रिज में जमा लें। इसे चेहरे पर रगडऩे से ताजगी मिलेगी।
-अगर गर्मी में बाहर निकल रहे हैं, तो अपने साथ पानी जरूर रखें और उसमें ग्लूकोज डालकर पिएं।
-आम का पन्ना, खाने में सैलेड के साथ कच्ची प्याज, तरबूज, खरबूज, ककड़ी, खीरा, पुदीने की चटनी और जलजीरा जैसी चीजों को रेगुलर यूज करें।
-धूप में जब भी निकलें तो सिर पर कोई कपड़ा या हेलमेट यूज करें।
-जब भी पॉसीबल हो सादे या ठंडे पानी से चेहरे और हाथों को धोएं।
-रात को नहाएं और अपने सिर पर पानी जरूर डालें।
-डिहाइड्रेशन की हालत में मरीज को नीबू पानी का घोल, ओआरएस या ग्लूकोज थोड़ी देर बाद देते रहें।
गर्मियों में सबसे ज्यादा सन बर्न, मुंहासे, रैशेज और इंफेक्शन की प्रॉब्लम होती है। ऐसे में स्किन को सूखा रखने के लिए पाउडर का इस्तेमाल करना चाहिए। खूब पानी पीना चाहिए और रसीले फलों का ज्यादा यूज करें। डाइट में आम, पपीता जैसे एंटी-ऑक्साइड पदार्थों को शामिल करें। दिन में तीन से चार बार चेहरे को ठंडे पानी से धोएं।