उदयपुर। इलेक्शन कमीशन की तरÈ से भले ही चुनाव खत्म होने से ४८ घंटे पहले प्रचार पर ब्रेक लगा दिए गए हों, लेकिन इसके बावजूद वोट मंागने की कवायद जारी है। चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद सड़कों पर दिखने वाला कैंडीडेट्स का सारा जोर अब पर्दे के पीछे बखूबी आजमाया जा रहा है। प्रचार थमने ही जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है। इसके साथ ही वोटर्स को आखिरी मौके पर अपने पाले में लाने की जी तोड़ कोशिशें भी हो रही है। साथ ही सोशल मीडिया के जरिए वोटर्स को प्रभावित करने की कवायद भी जारी है।
शुरू वोटों की सेंधमारी
चुनाव से एक दिन पहले विरोधी कैडीडेट्स की वोटों में सेधमारी का खेल भी शुरू हो गया है। विभिन्न सामाजिक संगठनों और छोटे दलों को अपने धड़े में शामिल करने के लिए सभी पार्टियों की गुपचुप मीटिंग हो रही है। अपने किसी समर्थक या कार्यकर्ता के घर पर की जा रही इन मीटिंग्स में सभी पार्टियां विरोधी खेमे के वोटर्स को जोडऩे-तोडऩे में जुट गई हैं, जिससे वोट बैंक की सेंधमारी कर जीत की राह बनाई जाए।
खमोश जनसंपर्क
चुनाव प्रचार थमते ही भले ही खुले तौर कैपेनिंग खत्म हो गई हो, लेकिन जनता के बीच खामोशी से जनसंपर्क अभियान जारी है। आज वोट पक्का करने के लिए प्रत्याशी एक-दो कार्यकर्ताओं के साथ घर-घर जाकर खामोशी से जनसंपर्क में जुट गए हैं। वही कैडिडेट्स की ओर से उनके कार्यकर्ता और समर्थक भी डोर-टू-डोर कैपेनिंग कर वोटर्स को अपने पक्ष में रिझाने के लिए हर जतन करने में लगे हैं। कोई भी पार्टी सरेआम मीटिंग नहीं कर सकती है, जिसके चलते कैडिडेट्स व हर कार्यकर्ता एक-एक मतदाता के घर जाकर मिला रहे हैं।
सोशल मीडिया पर जारी प्रचार
डोर-टू-डोर जनता से जनसंपर्क करने के अलावा सोशल मीडिया भी चुनावी प्रचार का खामोश जरिया बना हुआ है। विभिन्न पार्टियां अपने प्रत्याशी के प्रोÈाइल से यह प्रचार ना कर समर्थकों व कार्यकर्ताओं के सोशल नेटवर्किंग अकांउट से ऐसा कर रही है। इसमें Èेसबुक ट्विटर और सबसे ज्यादा व्हाट्सएप बड़ा हथियार बना हुआ है, जो इलेक्शन कमीशन की गाइडलाइंस से भी बचा है।
अब किया प्रचार तो होगी एÈआईआर
सिटी में पोलिंग शुरू होने में २४ घंटे भी नहीं रह गए हैं। ऐसे में प्रत्याशी बिना भीड़ लिए सिर्È डोर-टू-डोर जाकर ही जनता से संपर्क कर सकते हैं। इस दौरान कोई भी प्रत्याशी ना तो रोड शो और न ही रैली कर कार्यकर्ताओं के साथ घूम सकता है। इसके अलावा ना तो किसी को पैम्Èलट्स पोस्टर या कोई भी प्रचार सामग्री बांटी जा सकेगी। अगर कोई भी आचार संहिता का उल्लघन करता हुआ पाया गया, तो पुलिस सीधे एÈआईआर दर्ज कर कार्रवाई करेगी।
अब पर्दे के पीछे का प्रचार शुरू
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