स्याही लगे नोटों से परेशान जनता बैंक लेने से कर रहा है इनकार

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उदयपुर। नोटबंदीके बाद उपभोक्ताओं को रोजाना एक नई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालत ये है कि बाजार में 1 हजार और पांच सौ के नए नोट आए 50 दिन भी नहीं हुए हैं इधर लोगों ने नोटों के साथ छेड़खानी शुरू कर दी है। बैंक हो या आम आदमी सभी ने इन नोटों पर पेन से लिखना शुरू कर दिया है।
वहीं बैंकों ने नए नोटों पर किसी प्रकार का निशान या पेन से कुछ भी लिखा या मार्क देखने के साथ ही उनकी छंटनी कर दुबारा ग्राहक को पकड़ाना शुरू कर दिया है।
बैंकों का कहना है कि हमारे लिए मार्क किए गए नोटों की कीमत नकली नोट के समान है। अब बैंक इस प्रकार के नोटों को स्वीकार नहीं करेगी। इन दिनों इस प्रकार के नोटों के कारण कई लोग धोखा खा रहे हैं। पुरानी आदत के अनुसार नोट लेने से पहले यह तो पड़ताल कर रहे हैं कि वह नोट असली है या नकली, लेकिन इस बात की पड़ताल नहीं कर रहे हैं कि उस नोट पर पेन का कोई निशान तो नहीं है।
अब हालत ये है कि जो लोग इस चीज को नजरअंदाज कर रहे हैं वे बैंक में पैसा जमा करवाते समय अपने आप को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं। अभी बाजार में ज्यादातर नोट दो हजार के होने के कारण एक ही बार में बड़ा झटका लग रहा है।
अम्बामाता निवासी पुष्कर सिंह राव का कहना कि दो दिन पहले बैंक में नकदी जमा करवाने गए थे। जब वे डिपोजिट काउंटर पर गए तो वहां कैशियर ने उनको पचास हजार के 25 नोटों में से 3 नोट निकाल पर वापस पकड़ा दिए। कैशियर ने बताया कि रिजर्व बैंक के अनुसार अब इस प्रकार के नोट मान्य नहीं है। वे पूरी सतर्कता से नोट ले रहे है।
पुष्कर ने बताया कि उसने तीन बार एटीएम से पैसा निकाला और तीनों बार ही तकदीर खराब थी। तीनों नोटों पर पेन से राशि अंकित थी। ऐसे में वह बाजार में उक्त नोटों को चोरो की तरह चलाने पर विवश हो गया। उसने बताया कि एटीएम से नोट निकलने के साथ ही उसने उक्त नोट को जांच कर हाथो हाथ वहां एटीएम पर लगे वेबकैम पर वह मार्क दिखाया था, बाद में बैंक में बात करने पर वहां से उसे चलता कर दिया गया। उनका कहना था कि इस बारे में हम आपकी कोई मदद नहीं कर सकते।

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