उदयपुर, झीलो में नो कंस्ट्रक्शन जोन में निर्माण ध्वस्त को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले में कोई बडा फैसला हो सकता हे। पेशी के लिए सभी पक्षो ने अपनी अपनी तैयारी कर रखी है।
उल्लेखनिय है कि नो कंस्ट्रक्शन जोन को लेकर कुछ माह पहले हाईकोर्ट ने कई पांच सितारा होटल व मकानों के निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश दे दिये थे तथा निर्माण पर पूरी तरह रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने उदयसागर में बन रही वर्धा इंटरप्राइजेज की ५ स्टार होटल तथा एचआरएच ग्रुप को फतह प्रकाश होटल में 40 कमरे ध्वस्त किय जाने के आदेश दे दिये थे।
हाईकोर्ट के आदेश के विरूद्घ सभी पक्ष सुप्रीम कोर्ट चले गये थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी सभी पक्ष की याचिकाएं स्वीकार करते हुए जवाब मांगे थे।
उम्मीद जताई जा रही है कि अगर सोमवार को कोर्ट में सुनवाई हुई तो कोई खास आदेश आ सकते है। होटल समूह द्वारा हाईकोर्ट के आदेशों की पलटने की हर संभव कोशिश की जा रही है। विशेषज्ञ वकीलों द्वारा सारे कानूनी दांव पेच लगाये जा रहे हे। अगर कोई आदेश नहीं भी आये तो होटल समूह अंदेशा लगाए बैठे है यथा स्थिति तो रहेगी ही।
इधर अगर शहर की हकीकत जाने तो हाईकोर्ट के सारे आदेशों की खुलकर अवमानना हो रही है। जिला प्रशासन का ध्यान वर्तमान मे नो कंस्ट्रक्शन जोन से हटा हुआ है ओर पिछोला तथा प*तहसागर किनारे पि*र ढके हुए अंदाज में कंस्ट्रशन शुरू हो गये है।
नो कंस्ट्रक्शन जोन के अलावा झीलो के किनारे नो प्लास्टिक जोन घोषित था लेकिन इस आदेश की भी स्थानिय निकायों द्वारा खाना पूर्ति कर के हाल ज्यों के त्यो बने हुए है। इसके अलावा भी चाहे बात आयड नदी की हो प्रदूषण मुत्त* कराने की हो चाहे झील विकास प्राधिकरण का गठन हो सभी मामले ठण्डे बस्ते में जाने के बाद सभी पक्ष बेपि*क्र हो गये है।