ये हैं इस्लाम की 9 अनमोल बातें

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उदयपुर | मुहम्मद साहब का पूरा जीवन सच, साहस, दया, करूणा, भाईचारे और ईश्वर के प्रति अटूट भरोसे का प्रतीक है। उन्होंने इंसानों की भलाई के लिए इतनी बातें बताई, अगर उन पर अमल किया जाए तो दुनिया से नफरत, लड़ाई, बुराई और तमाम नकारात्मक चीजें खत्म हो जाएं।
जिस व्यक्ति ने बाजार में कृत्रिम अभाव पैदा करने की नीयत से चालीस दिन अनाज को भाव चढ़ाने के लिए रोके रखा यानी जमाखोरी की तो ईश्वर का उससे कोई संबंध नहीं है। फिर अगर वह उस अनाज को दान भी कर दे तो ईश्वर उसे माफ नहीं करेगा। उसकी चालीस साल की नमाजें भी ईश्वर के पास स्वीकार नहीं होंगी।
किस बात को पुण्य में गिना जाएगा:
मुहम्मद साहब ने फरमाया है कि जो व्यक्ति कोई पौधा लगाता है या खेती करता है, उसमें से कोई पक्षी, मनुष्य या कोई भी प्राणी खाता है तो यह सब उस मनुष्य (जो पौधा लगाता है या खेती करता है) के पुण्य में गिना जाएगा।

खजूर का पेड़ लगाने के बारे मे क्या कहा गया है:
मुहम्मद साहब ने फरमाया है कि जो भी मनुष्य खजूर का पेड़ लगाएगा, तो पेड़ से जितने फल निकलेंगे, अल्लाह उसे उतनी ही नेकी देगा।

दूसरों के घर में किस तरह दाखिल नहीं होना चाहिए:
दूसरों के घर में बिना इजाजत न दाखिल नहीं होना चाहिए, न ताक-झांक करनी चाहिए, न उनकी गोपनीयता को भंग करना चाहिए।

दुशमनी अच्छे कामों पर पानी फेर देती है :
आगे कहा गया है कि लोगों में बिगाड़, विद्वेष, वैमनस्य, दुश्मनी पैदा करना वह काम है, जो ऎसा करने वाले व्यक्ति की सारी नेकियों, अच्छाइयों, अच्छे गुणों पर पानी फेर देता है।

किस व्यक्ति पर फरिश्ते लानत भेजते हैं:
जिस व्यक्ति ने कोई त्रुटिपूर्ण चीज इस तरह बेच दी कि ग्राहक को उस त्रुटि से अवगत नहीं कराया, उस पर अल्लाह क्रुद्ध होता है और अल्लाह के फरिश्ते उस पर लानत करते हैं।

किसी को किस तरह नहीं देखना चाहिए:
पराई स्त्रियों को दुर्भावना की नजर से मत देखो। आंखों का भी व्यभिचार होता है और ऎसी दुर्भावनापूर्ण दृष्टि डालना आंखों का व्यभिचार है। इसी से कई बुराइयों की शुरूआत होती है।

दान दो तो किस तरह दो:
जिसे दान दो उस पर एहसान मत जताओ। दान दो तो इस तरह दो कि तुम्हारा दायां हाथ दे तो बाएं हाथ को मालूम न हो। दिखावा न करो।

खाने के दौरान किस बात का रखें ध्यान:
भोजन के बर्तन में कुछ भी मत छोड़ो यानी अन्न को बर्बाद मत करो। एक-एक दाने में बरकत है। बर्तन को पूरी तरह साफ कर लिया करो। भोजन का अपव्यय कभी मत करो।

पानी के इस्तेमाल में किस बात का ध्यान रखें :
पानी का इस्तेमाल सावधानी से करो, चाहे जलाशय से ही पानी क्यों न लिया हो और उसके किनारे बैठे पानी इस्तेमाल कर रहे हो। जरूरत से ज्यादा पानी का उपयोग मत करो।

2 COMMENTS

  1. bilku sahi baat hai kaash isduniya ka har muslman is sachaai aur neki ke raaste par chal paata to yeh duniya kabhi ki jannat banjati aur yaha rahne wale farishte khuda sabhi ko neki ke raaste pe chalne ki akkal bakshe aamen

  2. aatankiyo ka koi mazhab nahi hota hai nave hindu ho te hai na musalman jehad ka matlab hota hai apne andar ke shaitan ko marna apni buri soch ko badalna naki masumo ko katal karna

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