इसके पहले एसीबी के पास रोहनवाड़ी निवासी दिलीप कुमार कलाल पुत्र भूरालाल कलाल ने एसीबी उदयपुर को शिकायत की थी कि 0.10 हेक्टेयर जमीन कृषि भूमि का रूपांतरण आबादी भूमि में करना था। इस काम के लिए पटवारी ने 34 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। जिस पर एसीबी ने प्लान के मुताबिक 2500 की रिश्वत देकर शिकायत का सत्यापन किया और 12 हजार रुपए की रिश्वत ट्रेपिंग के दौरान दी गई। जिसमें से साढ़े 11 हजार रुपए तहसीलदार भोगीलाल भारद्वाज की जेब से निकले और शेष 500 रुपए पटवारी शेरसिंह की जेब से मिले। एसीबी के एएसपी बृजेश सोनी ने बताया कि दोनों ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें मंगलवार को उदयपुर एसीबी की कोर्ट में पेश किया जाएगा। कार्रवाई पुलिस निरीक्षक हरीशचंद्रसिंह, राजकुमारसिंह, गणेश लबाना, करणसिंह, जितेंद्र कुमार, उंकारसिंह, रतनसिंह ब्यूरो जाब्ता द्वारा की गई।
तहसीलदार को दो थप्पड़ मारे तो बोले-पीछे की जेब में रखे हैं रुपए
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बांसवाडा के गागड़तलाई में रिश्वत लेते गिरफ्तार तहसीलदार भोगीलाल भारद्वाज एसीबी की टीम के सामने पहले तो रुपए लेने के सवाल पर ना-नुकर करता रहा है। टीम को छकाता रहा। इस पर टीम के एक जवान ने दो थप्पड़ लगाई, तो वह बोला कि पीछे की जेब में है रुपए, बाद में पेंट की पीछे वाली जेब से साढ 11 हजार रुपए टीम ने निकाले।
देहात में गांगड़तलाई के तहसीलदार और रोहनवाड़ी के पटवारी कृषि भूमि से आबादी भूमि में जमीन रूपांतरण करने की एवज में 12 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए। एसीबी की उदयपुर की टीम ने सोमवार दोपहर 1.30 बजे गांगड़तलाई तहसील कार्यालय में ही तहसीलदार भोगीलाल भारद्वाज और पटवारी शेरसिंह मीणा को गिरफ्तार किया।
सेमलिया गढ़ी निवासी तहसीलदार भोगीलाल भारद्वाज को एक माह पहले ही कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने कलक्ेट्ट का रे र्यालय में प्रतीक्षारत तहसीलदार से गांगड़तलाई में बतौर तहसीलदार का चार्जदिया था। अवकाश को छोड़ दिया जाए तो करीब 25 दिनों की ही नौकरी तहसीलदार द्वारा गांगड़तलाई में की गई थी। इसी दौरान रिश्वत लेते हुए दोनों ही पकड गए। ़े वहीं, अलवर के बानसूर निवासी पटवारी शेरसिंह करीब ढाई साल से रोहनवाड़ी पटवार मंडल में कार्यरत था। रोहनवाड़ी के पटवारी शेरसिंह का हाल ही में छोटी सरवन तहसील क्षेत्र के लिए तबादला हुआ था।
सोमवार को गांगड़तलाई से रिलीव होना था और दोपहर बाद पटवारी की विदाई पार्टी भी गांगड़तलाई में रखी गई थी। इस पार्टी में तहसीलदार से लेकर सभी कर्मचारियों को बुलाया गया था। लेकिेन, विदाई समारोह से पहले ही पटवारी रिश्वत में पकड़ा गया।
पिछले दिनों ही कलक्ट्रेट से शेर सिंह को छोटी सरवन तहसील में बतौर पटवारी स्थानांतरण किया था। जिसकी जानकारी गांगड़तलाई में सभी को हो गई थी। इसके चलते पटवारी ने दो दिन पहले ही शिकायककर्ता से कहा था कि उसके जाने से पहले ही रुपए दे, ताकि उसके सामने ही तहसीलदार से हस्ताक्षर हो जाएंगे।
जून में तहसीलदार की थी सेवानिवृत्ति : तहसीलदार भारद्वाज की अगलेमाह जनू मेंसेवानिवृत्ति थी।इसके पहले13 अप्रैल को ही कलेक्टर के आदेश पर गांगड़तलाई मेंकार्यभार संभाला था। गांगड़तलाई तहसीलदारकास्थानांतरण होनेके बाद प्रशासनिक कामकाज नहीं रुक,ेइसके लिए कलेक्टर नेवैकल्पिक व्यवस्था करतेहएु भारद्वाज को लगाया था। सत्ूरों के अनसार ु जमीन कीरजिस्ट्री, भूमि रूपांतरण, मोटशने खोलनाआदि कार्यों के लिएपटवारी और तहसीलदार की मिलीभगत रहती थी।पटवारी तहसीलदार के नाम सेही रिश्वत की राशि मांगता था औरउसमेंसेकरीब 40 से50 फीसदी राशि तहसीलदार को दी जाती थी।
यह थी रिश्वत की दर
नकल निकालना – 1 हजार रुपए
मोटेशन खोलना – 5 हजार रुपए
रजिस्ट्री कराना– 2 से5 हजार रुपए
भूमि रूपांतरण – 25 से40 हजार (नोट – स्थानीय स्तर पर रिश्वत मेंपकड़े जानेके बाद पटवारी से जुड़े कार्य करने के बदलेमेंलोगों सेमांगी जानेवाली रिश्वत की रकम इस तरह की होती थी। )