उदयपुर। शहर के निजी स्कूल सेन्ट्रल एकेडमी स्कूल सरदारपुरा की बड़ी लापरवाही सामने आई। स्कूल में बच्चों के आपसी झगडे के बाद पहली क्लास के बच्चे की कलाई में आई गहरी चोट को अनदेखा कर छह घंटे तक क्लास में बैठाए रखा। खून निकलता रहा बच्चा दर्द से कराहता रहा और स्कूल के जिम्मेदार बेपरवाह बने घूमते रहे, घर पहुचने पर परिजन ले गए अस्पताल।
जानकारी के अनुसार सेन्ट्रल एकेडमी सरदारपूरा ब्रांच में कक्षा पहली के छात्र इज़हार शैख़ को अन्य छात्र द्वारा पीटने और धक्का देने के बाद हाथ में करीब चार इंची घहरा घाव लग गया। घाव लगने के बाद जहाँ स्कूल प्रशासन को तुरंत अस्पताल ले जाकर प्राथमिक चिकित्सा मुहय्या करवानी चाहिए थी उसकी जगह उन्होंने क्लास में ही रुई लगा कर बच्चे को छुट्टी होने तक बैठाए रखा। घायल इज़हार के हाथ से लगातार खून निकलता रहा। बच्चा जब स्कूल की छुट्टी होने के बाद शाम को करीब ४ बजे घर पहुचा तब परिजनों ने हाथ में चिपकी रुई हटा कर देखा तो परिजन इतना गहरा घाव देख कर हक्के बक्के रह गए बच्चे को तुरंत अस्पताल लेजाया गया जहाँ डॉक्टर ने भी देर होने की बात कहते हुए कहा कि इतने गहरे घाव पर टाँके लगने चाहिए थे लेकिन अब क्यूँ की इतनी देर हो गयी है तो टाँके नहीं लगाए जा सकते है। डॉक्टर ने यह भी कहा कि इतनी देर में अगर और अधिक खून निकल जाता तो बच्चे की जान आफत में आसक्ति थी।
बच्चे के परिजन नाना एआर खान जब स्कूल पहुचे और उन्होंने वहां मोजूद वाईस प्रिंसिपल से इस सम्बन्ध में बात की तो वाइस प्रिंसिपल ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा की हमे तो पीटीआई ने बताया था कि हलकी खरोच भर आई है, जब की क्लास में बच्चे के हाथ से इतना खून बह गया था की तीन चार बार रुई खून में भर गयी जिसको बदलनी पड़ी।
जहाँ स्कूल प्रशासन को ऐसे लापरवाह टीचर और पीटीआई पर कारवाई करनी चाहिए वहां वह जिम्मेदारी से भाग रहे है।
बच्चे के नाना एआर खान का कहना है कि अगर स्कूल वाले अस्पताल नहीं ले जासकते थे हमे घर पर फोन कर किसी परिजन को बुला लेते। श्री खान ने बताया कि बच्चे इज़हार शैख़ के साथ पूर्व में भी एक बच्चे ने पूर्व में मारपीट की थी तब भी स्कूल प्रशासन ने शिकायत करने के बावजूद कोई कारवाई नहीं की। श्री खान ने बताया कि जिस क्लास में इज़हार पढता है उसकी क्लास टीचर अक्सर छुट्टी पर रहती है एसे में स्कूल प्रशासन बजाये उस क्लास में किसी दूसरी टीचर को भेजने के बच्चों को अन्य बड़ी क्लास में मर्ज़ कर देती है जहाँ पर अक्सर बच्चे आपस में लड़ाई झगड़ा करते है और टीचर कोई ध्यान नहीं देता। घायल बच्चे इज़हार के परिजनों ने दोषी स्टाफ कर कारवाई के मांग की है कि आगे से किसी एनी बच्चे के साथ एसा ना हो इस तरह तो बच्चों की जान पर बन आती है।