उदयपुर. 10 दिवसीय शारदीय नवरात्र का पर्व शनिवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ शुरू हो गया है। शक्ति और उपासना के पर्व पर शक्तिपीठों में शुभ मुहूर्त में पूजा-आराधना के साथ घट स्थापना की गई। देवी मंदिरों में सुबह से लेकर शाम तक श्रद्धालुओं की दर्शनों के लिए भीड़ लगी रही। पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा की गई। जिले भर का माहौल भक्तिमय हो गया है। इसके साथ ही डांडियों की खनक भी शुरू हो गई है जो दस दिनों तक चलेगी।
नवरात्र के तहत मंदिरों में 9 दिनों तक शक्ति की उपासना होगी, वहीं गरबा मंडलों द्वारा 9 दिनों तक डांडिया महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। नवरात्र के पहले दिन शुभ मुहूर्त में घट स्थापना हुई। अब नौ दिनों तक शक्तिपीठों में देवी की उपासना और आराधना होगी। घरों में भी देवी उपासकों ने पूजा-अर्चना कर ज्वारे उगाए। नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का पूजन किया गया। इसके साथ ही भक्तों ने दस दिन तक व्रत रखने और नंगे पांव रहने के संकल्प लिए। शहर और आसपास के गांवों के सभी शक्तिपीठों, देवरों और मंदिरों में घट स्थापना कर ज्वारे बोए गए।
शहर के प्रमुख अंबामाता मंदिर, बेदला माता, नीमज माता, करणीमाता, आवरीमाता, आशापुरा माता, घाटावाला माताजी, कालका माता समेत सभी मंदिरों मे सुबह से ही श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ी। भक्तों ने मां के तन्मयता से दर्शन कर मन्नत मांगी और आशीर्वाद लिया। इसके अलावा जिले के ईडाणा माता, जावर माता, जोगणिया माता जी सहित मेवाड़ के प्रमुख शक्ति स्थलों पर भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मंदिरों और शक्तिपीठों को आकर्षक विद्युत सजावट से सजाया गया है। गरबा मंडलों ने भी डांडिया महोत्सव के लिए पांडाल तैयार कर लिए हैं। शहर के गली मोहल्लों, वाटिकाओं में डांडिया की खनक शुरू हो गई है। पुलिस प्रशासन ने भी इसके तहत सुरक्षा की माकूल व्यवस्था की है।