पुलिस का निकम्मापन उजागर

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अख्तर खान

समरथसिंह बाबेल मामले में आज तक घटनास्थल पर नहीं गई घंटाघर पुलिस, क्रमददगारञ्ज ने किया मौका मुआयना, मौके पर आज भी पड़ी है खून से सनी ब्लैड और टोपी-चश्मा, बयानों के आधार पर ही मान ली दुर्घटना

 दिन दयाल पार्क का घटना स्थल जहां बैठ कर एक्सईएन ने हाथ की नसें काटी, पांच दिन बाद भी खून से सनी हुई ।

दिन दयाल पार्क का घटना स्थल जहां बैठ कर एक्सईएन ने हाथ की नसें काटी, पांच दिन बाद भी खून से सनी हुई ।

उदयपुर। नगर निगम के एक्सईएन समरथसिंह बाबेल द्वारा आत्महत्या के प्रयास के कथित मामले में घंटाघर पुलिस की घोर लापरवाही उजागर हुई है, जिसे निकम्मापन भी कहा जा सकता है। घंटाघर पुलिस ने राजनीतिक दबाव के चलते बाबेल के बयानों को आधार मानकर इस गंभीर मामले को दुर्घटना मान लिया है, जबकि बाबेल जहां घायल पड़े मिले। उस जगह का मौका मुआयना तक नहीं किया। पुलिस ने जहां उसे बताया गया, उसे ही घटनास्थल मान लिया है, जबकि बाबेल ने म्युजिकल फाउंटेन के पीछे आत्महत्या का प्रयास किया था, वहां खून से सनी ब्लैड, बाबेल की टोपी और चश्मा आज भी पड़ा है। क्रमददगारञ्ज ने जब मौका मुआयना किया, तो घंटाघर पुलिस की यह घोर लापरवाही सामने आई। घटना को पांच दिन बीत गए हैं। समरथसिंह बाबेल ने सोमवार दोपहर दूधतलाई स्थित दीनदयाल उपाध्याय पार्क के म्युजिकल फाउंटेन के पीछे पानी की पाइपलाइन पर बैठकर हाथ की नसें काटी थी, जहां ढेर सारा खून आज भी पड़ा है। खून से सनी ब्लैड, बाबेल की टोपी और चश्मा भी पड़ा है। हो सकता है हाथ की नसें काटने के बाद बाबेल या तो लुढ़क कर या फिर चलते हुए पहाड़ी के नीचे तक गए थे, जहां जाकर वे बेहोश हो गए।

घटना स्थल पर नसें काटने के लिए प्रयोग में लाई गयी ब्लेड जो घटना के पांच दिन बाद भी वही पड़ी हुई थी ।
घटना स्थल पर नसें काटने के लिए प्रयोग में लाई गयी ब्लेड जो घटना के पांच दिन बाद भी वही पड़ी हुई थी ।

इस मामले में पुलिस शुरू से ही राजनीतिक दबाव में रही। पुलिस ने बाबेल के बयान लेकर जांच वहीं खत्म कर दी। पुलिस को आसपास के इलाके में पूरी तरह छानबीन करनी चाहिए थी। बाबेल द्वारा किए गए प्रयास के कारणों तह तक जाना चाहिए था। पुलिस को मिले सुसाइड नोट में बाबेल आत्महत्या करने का कारण तक लिख चुका है, लेकिन पुलिस ने सच्चाई जानने की कोई कोशिश नहीं की। पुलिस ने सिर्फ और सिर्फ बाबेल के कथित बयानों को ही सच मान लिया। जबकि वह बयानों में बता रहे हैं कि सीढिय़ों से लुढ़कने के कारण घायल हुए है, लेकिन घटनास्थल पर दूर-दूर तक सीढिय़ा नहीं है। पुलिस को बाबेल के खिलाफ आत्महत्या के प्रयास का मामला और उन्हें आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

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:नगर निगम के एक्सईएन समरथसिंह बाबेल के आत्महत्या के प्रयास के मामले में अगर घंटाघर पुलिस ने कोई लापरवाही बरती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मैं अभी पुलिस को भेजकर मौका दिखवाता हूं।
डॉ. राजेंद्र भारद्वाज, एएसपी (सिटी)

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