पार्षद की दावेदारी करने वालों की अक्ल से बड़ी है भैंस

Date:

r1094225_13133049उदयपुर | निगम चुनाव के लिए कई दावेदारों ने अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है तो कई ने शोशल मिडिया पर खुद को पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर दिया है | जब की अभी तक ना तो भाजपा ना ही कांग्रेस की तरफ से किसी को इशारा हुआ ना ही प्रत्याशियों की कोई सूचि जारी की गयी है | इन दावेदारों के ज्ञान कि बात कि जाए तो अक्ल बड़ी या भैंस जैसा प्रतीत हो रहा है | भाजपा कांग्रेस के निगम में दावेदारों को परखने के लिए मददगार ने जब कुछ सवाल किये हैरान करने वाली बाते सामने आई कि अधिकाँश दावेदार यही नहीं बता पा रहे है कि उन्हें पार्षद बन कर करना क्या है |
मुख्य बेसिक सवालों के जवाब नहीं दे पाये :
भाजपा के कई दावेदार टिकिट की आस लगा कर तो बैठे है और कई टिकिट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की चेतावनी भी दे रहे है, लेकिन उन्हें यही नहीं पर की उदयपुर नगर निगम कब बना उससे पहले पगार परिषद था तो उसकी स्थापना कब हुई ? अब तक कितने सभापति और महापौर आगये है ? ऐसी किसी बात का ज्ञान नहीं है, यही नहीं अपने वार्ड के मौजूदा पार्षद का नाम भी ठीक से नहीं पता | दोनों पार्टियों के दावेदारों को नगर निगम के काम, नगर पालिका एक्ट जातिगत समीकरण और जीतने का गणित के बारे में सवाल किया तो कोई जवाब नहीं दे पाये |
कांग्रेसी दावेदार को यही नहीं पता कि वे पार्टी में कितने समय से जुड़े हुए है | जीतने का आधार क्या होगा? साथ ही भाजपा शासन में कितने धरने प्रदर्शन किए और मुद्दे क्या रहे। कांग्रेस में कितने समय हो? क्या क्या जिम्मेदारियां रही? विधानसभा और लोकसभा में क्या जिम्मेदारी थी और उसका परिणाम क्या रहा? इस तरह के सवाल में से किसी सवाल का सही जवाब नहीं दिया, कई ने तो कॉल ही काट दिया कि बाद में बात करेंगे |
पार्षद दावेदार भी मोदी पर सवार :
भाजपा के दावेदार तो यह माने बैठे है कि बस टिकिट मिल जाए बाकी काम तो सिर्फ मोदी का नाम ही कर जायेगा उन्हें कुछ करने की जरूरत नहीं | जब भाजपा दावेदारों से पार्टी में उनकी भूमिका , टिकिट मिलाने पर जीत का आधार जैसे सवाल किये तो अधिक तर ने नरेंद्र मोदी का सहारा लेते हुए कह दिया की जीत के लिए तो मोदी का नाम ही काफी है | एक ने तो यहाँ तक कह दिया की जीत के लिए सिर्फ उनके साथ मोदी के पोस्टर वाला फार्मूला ही जीताने में काम आ जायेगा | जब की उन्हें भाजपा पार्टी के बारे में अधिक जानकारी भी नहीं |
वार्ड नंबर तक नहीं पता :
कई महिला दावेदारों को तो उनका वार्ड तक का नंबर नहीं पता है | उनका कहना है की पति पार्टी के कार्यकर्ता है जिन्होंने उनका नाम दिया है | उनका वार्ड कहाँ से कहाँ तक है कितने मतदाता है ऐसी किसी बात कि जानकारी नहीं है |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

just what makes hot older male gay therefore special?

just what makes hot older male gay therefore special?there...

How to obtain the perfect cuckold dating site

How to obtain the perfect cuckold dating siteLooking for...

Enjoy discreet and safe hookups in miami

Enjoy discreet and safe hookups in miamiEnjoy discreet and...