नगर निगम ने पेश किया 213 करोड़ का बजट।

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उदयपुर। नगर निगम में मंगलवार को साधारण सभा की बोर्ड की बैठक संम्पन हुई जिसमे नगर निगम द्वारा वर्ष 2014 – १५ का बजट पेश किया व् अन्य प्रस्तावों पर चर्चा कर पारित किये गए । बोर्ड बैठक में विवाह आयोजन की वाटिकाओं पर ५० पैसे प्रति वर्ग फीट के हिसाब से सफाई शुल्क का निर्णय भी लिया गया।
वर्ष २०१४ की पहली बैठक बिना किसी विवाद के संम्पन्न हुई । नगर निगम ने इस वर्ष का कुल २१३ करोड़ का बजट रखा। बैठक में कुछ देर के लिए शहर विधायक गुलाबचद कटारिया भी शामिल हुए। जिन्होंने शहर के विकास और सोंदर्य करण पर अपने कुछ सुझाव दिए जिसमे शहर के प्रवेश द्वार को खूबसूरत और आकर्षक बनाने पर विचार करने को कहा। कटारिया ने मुख्यतः गुलाबबाग़ को लेकर चिंता जताई की कि जनता से जुड़ा हुआ बाग़ है, इसकी रख रखाव की चिंता नगर निगम को करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुलाब बाग़ के विकास के लिए नगर निगम को आवश्यक कदम उठाते हुए बच्चों के खेलने के लिए वहाँ अप्पू घर का भी प्रस्ताव लाना चाहिए। साथ ही गुलाब बाग़ में स्थित कमल तलाई के विकास के बारे में भी सोचना चाहिए। कटारिया ने शहर के सोंदर्य करण पर भी नगर निगम को विचार करने को कहा कि शहर में चोराहे और अन्य बगीचों में लगे फव्वारों का ठीक तरह से रख रखाव हो तथा जो भी इसकी देख भाल कर रहा है, उसको पाबंद किया जाए कि सुबह तिन घंटे और शाम को तिन घंटे फव्वारे चालु रहने चाहिए जिससे कि बाहर से आने वाले परयकों के बिच अच्छा मेसेज जाए । कटारिया ने गोवर्धन विलास तालाब पर तैयार हुए गार्डन पर शुल्क लगाने के लिए भी कहा जिससे कि उसका रखरखाव और सौन्दय बना रहे तथा वाहन पर कोई असामाजिक तत्व आकर नहीं बैठे ।

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विज्ञापन एजेंसी पर रोष :
शहर में विज्ञापन और होर्डिंग लगाने वाली कंपनी एनएसएस पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के पार्षदों ने रोष जताया। पार्षद अजय पोरवाल ने कहा कि इस कंपनी से नगर निगम करोड़ों रूपये का बकाया निकलेगा फिर भी इसी कंपनी को निगम द्वारा होर्डिंग और विगापनों का ठेका दिया जाता है। सत्ता पक्ष के पार्षद पारस सिंघवी ने भी एन एस एस पर सवाल उठाते हुए कहा की इस कंपनी को जितने भी शौचालय पर विज्ञापन और रख रखाव का ठेका दे रहा है यह सिर्फ उन पर विज्ञापन लिखवा कर भूल जाती है और शौचालयों की स्थिति बाद से बदतर हो रही है । बैंक तिराहा । सूरजपोल के शौचालयों की स्थिति तो बेहाल है कई बार नगर निगम द्वारा सफाई करवाई जाती है ।
वाटिकाओं पर सवाल :
विवाह के लिए वाटिकाओं की स्वीकृति पर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने सवाल उठाये कि कई वाटिकाएं अवैध चल रही है जिन पर कोई कारवाई नहीं हो रही कई वाटिकाओं में पार्किंग कि जगह नहीं है रोड पर गाड़ियां खड़ी रहती है, और सड़क पर आने जाने वालों को परेशानी होती है । ऐसी वाटिकाओं की परमिशन रद्द कि जाए और आगे से ऐसी किसी वाटिकाओं को स्वीकृति नहीं दी जाए । वाटिकाओं के बाहर विवाह आयोजन के बाद गन्दगी की वजह से अब से सालाना शुल्क लगा दिया जो ५० पैसे प्रति वर्ग फिट के हिसाब से रहेगा ।

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