- कोटड़ा पुलिस ने पिछले दिनों कुएं में मिली लाश पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप तो दी, लेकिन इसे तीसरे दिन सोमवार शाम मुक्ति मिली।
- उदयपुर
परिजनों ने तीसरे दिन दफनाया शव
मौताणे के लिए शव की बेकद्री , जिसे दोषी करार दे रहे, उसके घर शव रखने की थी तैयारी
कुएं में लाश का मामला, तीसरे दिन हो पाया था पोस्टमार्टम
कोटड़ा पुलिस ने पिछले दिनों कुएं में मिली लाश पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप तो दी, लेकिन इसे तीसरे दिन सोमवार शाम मुक्ति मिली। इससे पहले शव 72 घंटे पेड़ के नीचे खाट पर पड़ा रहा। मौताणे के लिए अड़े परिजन अंतिम संस्कार नहीं कर रहे थे। परिजन शव को उन लोगों के घर में रखने की तैयारी में थे, जिन्हें वे मौत का दोषी करार दे रहे हैं।
कोटड़ा थाना क्षेत्र में लाम्बा हल्दू निवासी हामिरा (28) पुत्र मकना गमार का शव शुक्रवार सुबह उसके घर से कुछ ही दूरी पर नहर निर्माण स्थल पर बने 30 फीट गहरे कुएं में मिला था। इसे वहां काम कर जेसीबी चालक ने देखा था, जो करीब 8 बजे के कुएं के पास से मिट्टी हटाने पहुंचा था।
कुएं से दुर्गंध उठने पर उसने मशीन बंद कर नहर पर काम करते साथी कर्मचारियों को बताया। सूचना पर थानाधिकारी रणजीत सिंह जाप्ता लेकर पहुंचे थे। ग्रामीण भी आ जुटे। पुलिस ने परिजनों के विरोध के बीच पुलिस ने एकबारगी शव को मुर्दाघर में रखवा दिया था। दूसरे दिन पोस्टमार्टम के बाद शव सौंपा गया।
परिजन शव तो ले गए, लेकिन अंतिम संस्कार करने के बजाय इसे लांबा हल्दू में अपने घर के पास पेड़ के नीचे रख दिया। समझौते के लिए हामिरा के ससुराल पक्ष से पंच आए, लेकिन बात नहीं बनी। कई दौर के बाद भी नतीजा नहीं निकला। सूत्रों का कहना है कि परिजन शव को दूसरे पक्ष के घर में रखने की तैयारी थे, लेकिन देर शाम पेड़ के पास उसे दफना दिया।
ससुराल वालों पर मढ़ रहे आरोप : परिजनों ने बताया कि हामिरा की शादी गांव की ही मजी पुत्री केसा खेर से हुई थी। दोनों ने पसंद से शादी की थी, लेकिन छह माह साथ रहने के बाद कुछ दिन पहले दंपती अलग हो गया। हालांकि उनका मेलजोल चल रहा था। हामिरा के घर वालों के मुताबिक जिस जगह शव मिला, हामिरा का ससुराल उससे 300 मीटर की दूरी पर ही है।
मौताणे के लिए शव की बेकद्री, तीन दिन बाद मिली मुक्ति
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