उदयपुर। चुनाव के इस दौर में उदयपुर शहर से मुस्लिमों ने भी अपना प्रत्याशी होने का दावा किया है। और दोनों पार्टयों को इस और ध्यान आकर्षित कराया कि शहर में ४० हज़ार मुसलमान है| और वोटिंग प्रतिशत भी यहाँ पर मुस्लिमों का सबसे अधिक होता है इसके बावजूद कभी मुस्लिम प्रत्याशी के लिए दोनों बड़ी पार्टी नहीं सोचती मुस्लिमों को महज वोट बैंक बना कर रख छोड़ा है ।
अपने आक्रामक अंदाज में यह बात प्रेस वार्ता में मुस्लिम महासभा के संस्थापक युनुस शैख़ ने कही उन्होंने मुस्लिमों के लिए आवाज़ उठाते हुए कहा कि अगर भाजपा और कांग्रेस दोनों में से कोई भी मेवाड़ में मुस्लिम प्रत्याशी घोषित नहीं करती तो शहर से मुस्लिम महासभा एक मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। युनुस शैख़ ने कहा कि आज तक मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक ही समझा जाता रहा है। मेवाड़ की २८ सीटों में से एक भी सिट पर कोई मुस्लिम प्रत्याशी नहीं है। और चुनाव जीतने के बाद उन्हें हज कमेटी, वक्फ बोर्ड कमेटी , या अल्प संखयक विभाग का एक मंत्री बना कर छोड़ दिया जाता है । जब कि इसके अलावा कोई जिम्मेदार पद नहीं दिया जाता कई मुस्लिम यहाँ पार्टी कि सालों से सेवा कर रहे है । लेकिन उन्हें भी कभी कोई जिम्मेदार पद नहीं दिया गया। शैख़ ने कहा कि इस बार अगर दोनों पार्टियों ने मुस्लिमों को सिर्फ वोट बैंक समझने कि भूल कि तो हम भी अपना प्रत्याशी खड़ा करेगे जिससे कि दोनों बड़ी पार्टियों को मुस्लिमों की ताकत का अंदाजा हो सके। शैख़ ने बताया कि सोमवार को तय किया जाएगा कि इस बार शहर से मुस्लिम महासभा को अपना प्रत्याशी मैदान में उतारना है या नहीं ।
मुसलमानो को सिर्फ वोट बैंक समझते है, भाजपा कांग्रेस – युनुस शैख़
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