उदयपुर शहर के गोवर्धन विलास थाने से महज पांच सौ मीटर दूर कपड़ा और ब्याज व्यवसायी की हत्या करने वाले को आखिरकार पुलिस ने दो दिन के अंदर अंदर पकड़कर बड़ी सफलता हासिल की है। मटके और सट्टे का खेल मृतक राकेश खतवानी को इतना भारी पड़ेगा उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा। जीहां ब्याज के साथ – साथ राकेश मटके और सट्टे का भी खेल खेलता था। हिरण मगरी सेक्टर छह निवासी महेश सिंधी से एक लाख 20 हजार रूपए मांगता था, यह रूपया दोनो के बीच खेले गए मटके का बाकी था। खाकी की गिरफ्त आए महेश सिंधी ने कबूल किया है कि दो साल पहले राकेश से इसी उधारी हो गई थी और आधे पैसे उसने लौटा भी दिए थे, लेकिन माली हालत और खराब होती गई और महेश पैसे देने में असमर्थसा हो गया। ऐसे में राकेश महेश को हमेशा उसके घर पर बोल देने की बात पर धमकाता रहता था। कई बार राकेश महेश के घर के सामने भी आकर उसे फोन करता था। इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए उसने अपने मित्र उत्तरप्रदेश के दिनेश कुष्वाह से सम्पर्क किया जो हाल में बड़ोदा नर्सरी के पास रहता है और सब्जी मण्डी में कार्य करता है। दोनों ने राकेश को ठिकाने लगाने के लिए एक शड़यत्र रचा और कहीं से एक देषी कट्टे का इंतेजाम कर लिया। वारदात वाली शाम दोनो ने राकेश को सीए सर्किल के यहां मटके के कारोबार की पूरी फाईल लेकर बुलाया और बाद में तीनों ही आगे एकांत जगह में शराब पीने और पैसे का हिसाब वहीं करने की बात करके युएन आॅटोमोबाईल के सुनसान इलाके में चले गए। अंधेरे का फायदा उठाते हुए महेष सिंधी ने बिना कोई अवसर दिए स्कूटी पर बैठे राकेश के सीने में गोली मार दी। राकेश ने तत्काल भागने की भी कोशिश की लेकिन कुछ दूरी पर ही धड़ाम से गिर पड़ा। इसके बाद दिनेश और महेश दोनो आरोपी मोटर साईकिल लेकर फरार हो गए और उदियापोल के रैन बसेरे में दोनो ने रात्रि विश्राम किया और सुबह उठकर दोनो खमनोर चले गए दिन में वापस आए तब उन्हें राकेश के मरने की सूचना मिली। इस पर दोनो अलग – अलग हो गए। खाकी ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए महेश सिंधी को तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन वारदात में शामिल शड़यंत्रकर्ता दिनेष अभी भी खाकी की पंहुच से दूर है।
मटके कारोबार में उधारी नहीं चुकाने वाले महेष सिंधी ने ही दोस्त के साथ मिलकर मारी थी राकेश सिन्धी गोली
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