उदयपुर। मोदी सरकार के गुणगान गाने के लिए अब भाजपा सांसद पत्रकारों को रिष्वत देने से भी नहीं चुक रहे हैं। वाकया उदयपुर शहर का है,जहां बीजेपी के वरीश्ठ नेता और सांसद अर्जुन लाल मीणा ने प्रेसवार्ता करने के बाद पत्रकारों को पांच पांच सौ रूपए के नगद नोट देकर सकते में ला दिया। किसी सांसद द्वारा सरकार के कामकाज की प्रचार करने के लिए की गई प्रेसवार्ता में पैसे बांटने का यह मामला उदयपुर में पहला ही था। हालांकि कुछ पत्रकारों ने लिफाफा लेने से मना कर दिया और कुछ को वहां से निकलने के बाद पता चला कि लिफाफे में पांच सौ की नोट है। आपको बता दे कि इन दिनों
उदयपुर के सांसद अर्जुन लाल मीणा काफी सुर्खियों में है। क्योंकि वह पहले ऐसे सांसद होंगे जिन्होंने स्थानीय पार्षदों को संसद भवन अवलोकन के साथ-साथ प्रधानमंत्री से मिलवाने का बड़ा काम भी किया था। इतना हीं नहीं जनाब ने अपने पांच पसंदीदा पत्रकारों की सूची बनाई और उनकी भी मोदी से मुलाकात करवाई थी। मोदी जी के साथ पार्षद और पत्रकारों की खिंचवाई गई फोटो भी खूब वायरल हुई। सांसद महोदय की तारीफ पूरे उदयपुर में चल ही रही थी। लेकिन अब उन्होंने पत्रकारों को खबर छापने के लिए पांच पांच सौ के नोट देकर मोदी सरकार की भ्रश्टाचार विरोधी छवि पर भी प्रष्नचिन्ह खड़ा कर दिया और सवाल यह उठ रहा है कि आखिर सांसद को केंद्र की योजनाओं का बखान करने के लिए पैसे देने की क्या जरूरत पड़ी।
ये हैं भारतीय जनता पार्टी के उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा जिन्होंने लोकसभा चुनावों में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी रघुवीर सिंह मीणा से करीब सवा दो लाख वोटों की बढ़त लेकर जीत हांसिल की थी। हालाकि पूरे देश में मोदी लहर के चलते एक तरफा फैसला बीजेपी के पक्ष में रहा था, लेकिन यहां पर सांसद महोदय का कुछ अपना पुराना रिष्ता भी काम आया। इसके बाद सांसद महोदय खुद मोदी रथ में सवार होकर उदयपुर का प्रतिनिधित्व करने लगे। आप शहर में होने वाले आयोजन में इनको देख ही लेते होंगे। अखबारों में इनके फोटो आए दिन आते ही रहते है। यह अलग बात है कि जीतने के बाद अर्जुन लाल मीणा अपने मतदाताओं या क्षेत्र की जनता से मिलने कभी नहीं गए। हो सकता है यही वजह हो कि जनता तक सीधे पंहुचने के लिए उन्होंने यह प्रेस वार्ता आयोजित की हो और खबर नहीं छपने की आषंका के चलते पत्रकारों को पांच पांच सौ की नोट की पेषकष कर दी हो। जीहां अर्जुन लाल मीणा ने खुद सभी पत्रकारों को प्रेसवार्ता के बाद लिफाफे में पांच पांच सौ का नोट देकर विदा किया। यह पत्रकार वार्ता मोदी की सफल योजनाओं और सांसद महोदय द्वारा किए गए कार्यों पर आयोजित की गई थी, लेकिन इसके बाद पत्रकारों को नगद नोट देने से साफ हो गया था कि सांसद महोदय खुद भ्रश्टाचार को बढ़ावा दे रहे थे। जन- जन के लाड़ले हमारे सांसद ने मोदी सरकार और खुद का बखान करने लिए पांच – पांच सौ की रिष्वत पत्रकारों को दी। ऐसा उन्हें क्यों करना पड़ा यह तो वह ही जाने, लेकिन इस षर्मनाक हरकत के बाद विपक्ष का क्या कुछ कहना है, या केंद्र की मोदी सरकार इस पर क्या एक्शन लेती है यह सोचने वाली बात है। क्यों कि मोदी का तो नारा है कि ‘‘न खाउंगा – न खाने दूंगा’’ ऐसे में सांसद महोदय ने कुछ खाया या नही यह तो नहीं कह सकते है, लेकिन वह पत्रकारों को खिलाकर क्या साबित करना चाहते है यह सोचने वाली बात है।