नाथद्वारा की श्री गौशाला में गाय के साथ बैठे पैंथर को देखकर आपको यहीं विचार आ रहा होगा कि शायद फोटोशॉप का कमाल है या मिक्सिंग की गई है। लेकिन यह ओरिजनल फोटो है। यह दुर्लभ फोटो खींचा है अरविंद राज गहलोत ने। इसे देखकर यही विचार मन में आता है कि एक-दूसरे से विपरीत प्रवृत्ति के जानवर मिलजुल कर कैसे बैठे है ? इस संबंध में वन अधिकारी सतीश शर्मा ने बताया कि शिकारी जानवरों की सहज प्रवृत्ति होती है कि वे पेट खाली होने पर ही हिंसक होते है, यदि पैंथर का पेट भरा हो तो वह अनावश्यक हमला नहीं करते। साथ ही शिकारी जानवर की ताकत को भी शिकार होने वाले जानवर भांप लेते है। यदि शिकारी के मुकाबले शिकार ज्यादा बलवान हो तो वह ज्यादा विचलित नहीं होता है। इस चित्र में अनुसार गाय पैंथर से ज्यादा ताकतवर मालूम हो रही है और आसानी से उसका मुकाबला भी कर सकती है, शायद यहीं कारण है कि पैंथर के बिल्कुल सटकर बैठने के बावजूद वह जरा भी भयभीत नहीं दिख रही है।
ममता की क्षमता, मैया की दुआ गैया का प्यार पाए, एक तेंदुआ
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