उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में अंधविश्वास के कारण एक नवजात की अंगुलियां खौलते तेल में डुबो देने का मामला प्रकाश में आया है।
सूत्रों के अनुसार जिला अस्पताल में 18 अगस्त को रिसिया क्षेत्र की पूरनपुरवा निवासी महिला सोमा ने पुत्र को जन्म दिया था। बच्चा कुछ अस्वस्थ था, जिसका इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि बच्चा धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा।
बुजुर्ग महिला ने दी सलाह
इस बीच परिवार की बुजुर्ग महिलाओं ने बच्चे को जमोगा बयार नाम की कोई बीमारी होने का दावा करते हुए उसकी जान को खतरा बताया। महिलाओं ने जमोगा बयार रोग से निजात दिलाने के लिए उस मासूम की अंगुली खौलते हुए तेल में दागने की सलाह दी।
तेल में उंगली जाते ही जोर से निकली चीख
जिगर के टुकड़े की जान बचाने के लिए सोमा ने परिवार की बुजुर्ग महिलाओं की बात मानते हुए दिल पर पत्थर रखकर मासूम बच्चे की अंगुलियां सरसों के खौलते तेल में डुबो दीं। खौलते तेल में अंगुलियां डुबोते ही बच्चे की जोर से चीख निकली। इसके बाद बच्चे की तबीयत और बिगड़ गई।
बच्चे की हालत बिगड़ी
बच्चे को लेकर गुरुवार देर रात सोमा जिला अस्पताल पहुंची तो डॉ. वर्मा उसकी हालत देखकर काफी नाराज हुए। सोमा ने जब पूरी बात डाक्टर वर्मा को बताई तो उन्होंने भविष्य में अंधविश्वास पर अमल न करने की उसे हिदायत दी। उन्होंने कहा की अक्सर बीमार नवजात की जिंदगी बचाने को लेकर माता-पिता अंधविश्वास का सहारा लेतें हैं, जिससे मासूमों की जिंदगी खतरे में पड़ती है। अंध विश्वास से लोगों को बचना होगा।