नमो ने कहा – सरकार की आर्थिक नीतियां जारी रहेंगी
लोगों ने पूछा – फिर क्यों हो अबकी बार मोदी सरकार
– डी भट्टाचार्य/पार्था घोष –
गांधीनगर/नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए को बहुमत मिलने को लेकर आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे हैं। मोदी का कहना है कि कांग्रेस का सफाया होना ‘लगभग तयÓ है। हालांकि, चुनाव, नीतियों और गवर्नेंस के बारे में इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत में मोदी ने कहा कि अभी जो जंग चल रही है, वह चुनाव के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच सहयोग के आड़े नहीं आएगी। बीजेपी के पीएम कैंडिडेट ने क्रईटीञ्ज की ओर से ईमेल के जरिए भेजे गए तमाम सवालों के जवाब दिए और इस दौरान उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ‘इन्वेस्टर सेंटिमेंटÓ की रक्षा करना उनकी टॉप प्रायॉरिटी है। उन्होंने यहां तक अगर रोजगार पैदा होंगे तो मल्टि-ब्रैंड रीटेल में भी एफडीआई का स्वागत है। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ भी की और कहा कि पीएम के रूप में उनके नॉन-परफॉर्मेंस की वजह ‘अधिकार और स्वतंत्रताÓ की कमी थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह सरकार में आए तो इकनॉमिक पॉलिसी की निरंतरता जारी रखेंगे।
जीत का भरोसा : चुनाव में जीत का भरोसा जताते हुए मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस की हार तो तय है ही, वह अब तक की सबसे कम सीटों पर सिमटने जा रही है। मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर कांग्रेस किसी भी राज्य में 10 सीटें भी न जीत पाए। यह लगभग तय है कि राष्ट्रीय स्तर पर वह 100 के आंकड़े तक नहीं पहुंचेगी। बीजेपी और एनडीए, दोनों ही अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ करने जा रहे हैं। एनडीए के प्री-पोल अलायंस को साफ बहुमत मिलना निश्चित है।Ó
इकॉनमी में सुधार पहली प्राथमिकता : मोदी ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि नई सरकार के सामने इकॉनमी की बुरी हालत से निपटने की चुनौती होगी। उन्होंने कहा कि उन्हें पता नहीं कि क्या यूपीए सरकार ने जान-बूझकर इकॉनमी को ऐसे हालत में छोड़ा है। हो सकता है कि यह कांग्रेस का तरीका हो कि आने वाली सरकार के लिए हालात मुश्किल करके जाएं।
कांग्रेस के साथ काम करने को तैयार : मोदी ने चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ सहयोग का संकेत भी दिया। उन्होंने कहा, ‘मैच्योर नेता मिलकर काम करने की अहमियत समझते हैं।Ó मोदी ने कहा कि चुनाव के दौरान तो हमले तेज होते ही हैं। हमने यूपीए के 10 साल के दौरान फूड सिक्यॉरिटी बिल, भूमि अधिग्रहण बिल, लोकपाल बिल जैसे कई मुद्दों पर सरकार का साथ दिया। हमारे रिश्ते इतने भी नहीं खराब हुए हैं।
अच्छे वित्त मंत्री थे मनमोहन : मोदी ने ईटी से कहा, ‘मनमोहन सिंह ने नरसिंह राव सरकार में फाइनैंस मिनिस्टर के रूप में जो काम किए, उनके लिए मैं उन्हें निश्चित तौर पर श्रेय दूंगा। अगर उन्हें अधिकार और काम करने की स्वतंत्रता दी गई होती तो वह प्रधानमंत्री के रूप में भी अच्छा काम कर सकते थे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक व्यक्ति के रूप में मैं उनका सम्मान करता हूं।Ó
एफडीआई पर सारे विकल्प खुले : मोदी ने कहा कि हमने मल्टि-ब्रैंड रीटेल में एफडीआई को लेकर आपत्ति जताई है, लेकिन हमारे मैनिफेस्टो में साफ तौर पर कहा गया है कि हम सभी सेक्टर्स में एफडीआई का स्वागत करेंगे। जहां भी हमें लगेगा कि एफडीआई से युवाओं के लिए रोजगार पैदा होगा, वहां हम इसे बढ़ावा देंगे।
इन्वेस्टर सेंटिमेंट सबसे अहम : मोदी ने कहा कि अगर वह सरकार में आए तो यह सुनिश्चित करेंगे कि निर्णय करने के मोर्चे पर निरंतरता रहे और ऐसा कोई मेसेज न दिया जाए जिससे फॉरेन इन्वेस्टर्स के सेंटिमेंट पर ‘बुरा असरÓ पड़े। मोदी ने कहा, ‘हम इन्वेस्टर सेंटिमेंट्स का ध्यान रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा कोई मेसेज न जाए जिससे लगे कि अनिश्चितता और फैसले लेने की प्रक्रिया प्रॉसेस में निरंतरता की कमी है, जिनसे फॉरेन इन्वेस्टर्स सहित सभी निवेशकों के भरोसे पर बुरा असर पड़ता हो।Ó (साभार : एनबीटी)
गिरिराज और तोगडिय़ा के बयान से परेशानी
नई दिल्ली। हाल ही में बिहार बीजेपी नेता गिरिराज सिंह और फिर विश्व हिंदू परिषद के प्रवीण तोगडिय़ा के विवादास्पद बयानों की वजह से विरोधियों के निशाने पर आए नरेंद्र मोदी ने चुप्पी तोड़ी है। मोदी ने बिना किसी का नाम लिए सख्त लहजे में कहा है कि मैं इस तरह के किसी भी गैरजिम्मेदाराना बयान की निंदा करता हूं। उन्होंने तोगडिय़ा का नाम लिए बिना कहा कि बीजेपी के शुभचिंतक होने का दावा करने वाले लोगों के उल्टे-सीधे बयान पार्टी की चुनावी कैंपेन को डिवेलपमेंट और गुड गवर्नेंस के मुद्दे से भटका रहे हैं।
गौरतलब है कि वीएचपी के नेता प्रवीण तोगडिय़ा ने हिंदू बहुल इलाकों में घर खरीदने वाले मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलते हुए बहुसंख्यकों को उकसाने वाला बयान दिया था। भावनगर में हिन्दू बहुल इलाके में घर खरीदने वाले मुस्लिम व्यापारी के विरोध में उनके घर के बाहर जमा वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से तोगडिय़ा ने कहा कि अगर वह 48 घंटे में घर खाली नहीं करते हैं तो इस पर कब्जा कर लें। इस बयान के लेकर काफी बवाल मचा। बाद में तोगडिय़ा के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई।
इसके पहले एक चुनावी सभा में बिहार बीजेपी के नेता और नरेंद्र मोदी के बड़े समर्थक गिरिराज सिंह ने कहा था, ‘जो लोग नरेंद्र मोदी को रोकना चाहते हैं, वे पाकिस्तान की ओर देख रहे हैं। आने वाले दिनों में उनके लिए भारत में कोई जगह नहीं होगी। उनके लिए बस पाकिस्तान में जगह बचेगी।Ó उस रैली में गिरिराज सिंह के साथ बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी भी मौजूद थे। इस मामले में गिरिराज के खिलाफ भी कई एफआईआर दर्ज किए गए हैं। इन दोनों के अलावा भी संघ परिवार से जुड़े कई लोगों ने विवादास्पद बयान दिए हैं। खासकर अल्पसंख्यकों के बारे में।
जब चुनावी प्रचार अपने चरम पर हैं ऐसे में ये विवादास्पद बयान नरेंद्र मोदी के लिए परेशानी पैदा करने लगे हैं। अब तक नरेंद्र मोदी ने खुद इस तरह की बयानों की निंदा नहीं की थी। लेकिन, जब इन बयानों को लेकर मीडिया का दबाव बढऩे लगा तो खुद सफाई देने सामने आए।
मंगलवार की सुबह उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘बीजेपी के शुभचिंतक होने का दावा करने वाले लोगों के उल्टे-सीधे बयान पार्टी की चुनावी कैंपेन को डिवेलपमेंट और गुड गवर्नेंस के मुद्दे से भटका रहे हैं।Ó इसके बाद अपने अगले ट्वीट में मोदी ने लिखा, ‘मैं इस तरह के किसी भी गैरजिम्मेदाराना बयान की निंदा करता हूं और उन लोगों से अपील करता हूं कि कृपया इस तरह के बयानों से परहेज करें।Ó
मोदी चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ काम करने को तैयार
Date: