udaypur . इन दिनों शहर के कई मोबाइल यूजर्स को फ्री रिचार्ज का झांसा देकर मोबाइल बैलेंस उड़ाया जा रहा है या फिर मोबाइल फॉर्मेट किया जा रहा है। आईटी एक्सपर्ट रजा राहील की मानें, तो हैकर्स अननोन साइट्स लिंक के जरिये मोबाइल यूजर्स को फ्री रिचार्ज का लालच देकर उनके मोबाइल से डेटा और बैलेंस को इन डायरेक्टली हथिया रहे हैं। ओपन सोर्स होने के कारण ऐसे मामले एंड्रॉयड फोन में ज्यादा सामने आ रहे हैं। हैकर्स लिंक के जरिये प्री-पेड के साथ-साथ पोस्ट पेड यूजर्स का बैलेंस भी हथिया रहे हैं, जिन्होंने अपने मोबाइल पर एम् पैसा और मनी जैसे वैल्यू एडेड सर्विस एक्टिवेट करवा रखी है।
ऐसे होता हैं बैलेंस निल : हैकर्स की तरफ से भेजे गए मैसेज के बाद यूजर्स उस फ्री रिचार्ज से संबंधित साइट पर अपना नंबर डालते हैं। उसी दौरान बैक ग्राउंड में अनस्ट्रक्चर सप्लीमेंट्री सर्विस डेटा (यूएसएसडी) प्रोटोकॉल कोड रन होता है। आईटी एक्सपर्ट रजा बताते हैं कि इस प्रोटोकॉल रन से मोबाइल यूजर्स अनजान रहते हंै। जैसे ही रिचार्ज या सबमिट बटन प्रेस करते हैं। यूएसएसडी कोड के जरिये बैलेंस हैकर्स के मोबाइल पर ट्रांसफर हो जाता है और यूजर को पता भी नहीं चलता।
यूएसएसडी प्रोटोकोल का यूज : यूएसएसडी प्रोटोकोल का इस्तमाल मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनिया सर्वर का जीएसएम् फोन से कंयूनिकेशन के लिए करती है। इसका इस्तमाल वायरलेस एप्लीकेशन प्रोटोकॉल (वेप) प्रीपेड कॉल बैक सर्विस, मोबाइल मनी सर्विस और फोन के नेटवर्क को कांफिग़र करने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल हैकर्स भी कर रहे हैं।
जरूरत अलर्ट रहने की : किसी भी तरह के अननॉन मैसेज को पूरी तरह से जांच परख लेना चाहिए। अगर काम का ना हो तो इनबॉक्स में से हटा कर दो। फ्री रिचार्ज के प्रलोभन वाले मैसेज के निर्देश का पालन नहीं करें, बल्कि अपने मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर की वेब साइट से ऑनलाइन रिचार्ज या शॉप से ईजी रिचार्ज ही करवाएं। ओपन सोर्स होने के कारण एंड्रॉयड फोन यूजर्स हैकर्स का निशाना ज्यादा बन रहे हैं। ऐसे में गूगल प्ले स्टोर से एंटी यूएसएसडी एप डाउन लोड करें। यह एप यूएसएसडी बेस्ड लिंक कोड से मोबाइल को सुरक्षित रखता है।
केस 1 :
पंचवटी निवासी राज्य सरकार में सेवारत रजनीश भारद्वाज के मोबाइल पर एक एसएमएस आया, जिसमे एक फ्री रिचार्ज साइट का लिंक था और लिखा था कि इस साइट पर जाकर अपना मोबाइल रिचार्ज करे और पाएं फ्री बैलेंस। रजनीश ने तुरंत एसएमएस में लिखे निर्देश के अनुसार अपना मोबाइल नंबर और अमाउंट फीड कर सबमिट कर दिया। इसके कुछ ही देर बाद उनके मोबाइल में फ्री बैलेंस आने के बजाय आउट स्टेंडिंग बैलेंस जीरो हो गया।
केस 2 :
हिरणमगरी गायत्री नगर में रहने वाले अखिलेश सक्सेना के साथ भी ऐसा ही हुआ। उनके पास भी फ्री रिचार्ज के लिए ऐसा ही मैसेज आया, जिसमे लिंक दिया हुआ था। अखिलेश ने जैसे ही लिंक को क्लिक किया बैलेंस तो आया नहीं उनका सैमसंग का गैलेक्सी एस थ्री मोबाइल फॉर्मेट हो गया, जिसमें उनका सारा निजी डेटा चला गया।
सरेआम लूटा जा रहा है मोबाइल बैलेंस
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