कॉमर्स कॉलेज में छात्राओं ने की जमकर वोटिंग, एक मतदाता ने दिए नौ वोट
उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में एक्जिट पोल की माने, तो मयूरध्वजसिंह अध्यक्ष पद पर विजयी होते दिखाई पड़ रहे हैं। आज सुबह मतदान धीमा शुरू हुआ। कॉमर्स कॉलेज में नौ बजने के बाद मतदान की गति बढ़ी और छात्राओं ने जबरदस्त उत्साह दिखाते हुए समूह के साथ आकर मतदान में भाग लिया। संघटक विज्ञान, आर्टस व विधि महाविद्यालय में मतदाता कम संख्या में ही जुट पाए। समाचार लिखे जाने तक कॉमर्स कॉलेज में 51 प्रतिशत से अधिक मतदान हो चुका था, जबकि अन्य संघटक कॉलेजों में मतदान का ग्राफ 40 प्रतिशत के करीब रहा। पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था के चलते सभी मतदान स्थलों पर शांतिपूर्ण मतदान हो रहा है। मतदान एक बजे तक हुआ। इसके बाद तीन बजे से केंद्रीय छात्रसंघ पदाधिकारियों के लिए एफएमएस कॉलेज में मतगणना होगी। कॉलेज प्रत्याशियों के मतों की गिनती कॉलेज में ही होगी। शाम चार बजे से परिणाम आना शुरू हो जाएंगे। लॉ कॉलेज में फर्जी मतदान करते एक छात्र वोटर को पकड़ा गया।
संभाग में छात्र राजनीति के केंद्र सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के चुनावों पर सबकी निगाहें टीकी हुई है। कांग्रेस व भाजपा के लिए यह छात्रसंघ चुना आन-बान-शान की लड़ाई बन गया है। क्रमददगार रिपोर्टरञ्ज ने मतदान बूथों पर छात्र-छात्राओं के बीच जाकर नब्ज टटोलने की कोशिश की। कयास लगाए जा रहे हैं कि शाम को आने वाला परिणाम निर्दलीय मयूरध्वज के पक्ष में आ सकता है। भाजपा की ओर से गृह सेवक कटारिया और कांग्रेस की ओर से कई बड़े नेताओं के चुनाव में जुटने के बाद भी उनकी सारी रणनीति छात्र राजनीति में फैल होती नजर आ रही है। केंद्रीय छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे मयूरध्वज सिंह के साथ छात्राओं की जबरदस्त सहानुभूति दिखाई दे रही है। हालांकि एबीवीपी के नीरज सामर, एनएसयूआई के कृष्णपालसिंह व निर्दलीय मयूर के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है, लेकिन छात्र-छात्राओं के रूझान से ऐसा लग रहा है मानो मयूर चुनाव जीत सकते हैं। वोटों का अंतर भी 700 से 800 के बीच रहेगा। सुविवि छात्र राजनीति का गढ़ माने जान वाले कॉमर्स कॉलेज के बाहर एबीवीपी के नीरज सामर, एनएसयूआई के कृष्णपालङ्क्षसह व निर्दलीय मयूरध्वजसिंह के समर्थन में कार्यकर्ता बार-बार नारेबाजी व हूटिंग कर रहे हैं। एबीवीपी व एनएसयूआई के पक्ष में माहौल बनाने सुबह से ही भाजपा व कांग्रेस पदाधिकारी कॉलेजों के बाहर जुट गए। साइंस कॉलेज के बाहर कांग्रेस पदाधिकारी तो कॉमर्स के भाजयुमो उपाध्यक्ष सहित कई भाजपा पदाधिकारी कमान संभाले रहे। प्रत्येक छात्र मतदाता को इस बार विश्वविद्यालय के 4, महाविद्यालय के 4 व एक स्टूडेंट रिप्रजेन्टेटिव सहित कुल 9 मतपत्र अलग-अलग रंगों के दिए गए। विवि चुनावों में पहली बार नोटा का प्रयोग भी किया गया है। छात्रसंघ चुनावों में लिए विभिन्न संगठन कॉलेजों के मिलाकर इस बाद कुल 9171 वैध मतदाता है। कॉमर्स व साइंस के बाहर जमा समर्थकों के भीड़ के चलते बार-बार यातायात भी बाधित हो रहा है।
बागियों ने हमेशा बिगुल बजाया : सुविवि की छात्रसंघ राजनीति में जब भी बागियों ने बिगुल बजाया तो विरोधी और प्रमुख संगठनों को मुंह की खानी पड़ी है। बागियों का यह बिगुल वसीम खान ने निर्दलीय चुनाव लडक़र बजाया था। कई बार अपने संगठनों द्वारा प्रत्याशी के रूप में नकारे जाने के बाद प्रत्याशियों ने निर्दलीय या अन्य संगठन से चुनाव लडक़र विजयी परचम लहराया। वसीम खान के बाद रवि शर्मा, परमवीरसिंह चूंडावत, हिमांशु चौधरी को भी जब इनके संगठन ने दरकिनार किया तो वे निर्दलीय या किसी अन्य संगठन से प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे और जीत दर्ज की। इस बार मयूरध्वजसिंह एनएसयूआई से चुनाव लडऩा चाह रहे थे, लेकिन एनवक्त पर एनएसयूआई के प्रदेश पदाधिकारी पैनल घोषित कर चले गए और मयूरध्वज ने दरकिनार होने पर निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरने का मानस बनाया।
कॉमर्स में दोपहर 11 बजे तक 51 प्रतिशत मतदान : मतदान की धीमी शुरुआत के बाद कॉमर्स कॉलेज में छात्राओं में भारी उत्साह के चलते दोपहर 11 बजे तक वोटिंग का प्रतिशत बढ़ गया और 2061 छात्र मतदाता अपना मत दे चुके थे। मतदान का यह प्रतिशत दोपहर एक बजे 68 से 70 प्रतिशत पहुंच चुका था। संघटक आर्ट्स कॉलेज में मतदान बहुत धीमा चल रहा है। इसका प्रमुख कारण यहां अध्ययनरत अधिकांश छात्र ग्रामीण इलाके से होने के कारण रक्षाबंधन को लेकर वे गांव चले गए हैं। साइंस कॉलेज में मतदान समाप्ति तक 50 प्रतिशत वोटिंग चुकी थी। वहीं लॉ कॉलेज में भी इस बार मतदान का ग्राफ काफी नीचा है।
कॉमर्स कॉलेज के बाहर भिड़े छात्र : मतदान के दौरान कॉमर्स कॉलेज के बाहर प्रत्याशी के समर्थन में कैंपेनिंग कर रहे कुछ छात्रों आपस में भिड़ गए। मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें वहां से हटाया। कॉमर्स के बाहर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष हिमांशु चौधरी व कॉमर्स कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष रौनक गर्ग अपने प्रत्याशियों के समर्थन में जुटे थे। इस दौरान हिमांशु व रौनक में हल्की धक्का-मुक्की हो गई और दोनों छात्र गुट आमने-सामने हो गए। पुलिस ने दोनों गुटों को अलग किया।
विकलांग कल्पना का मनोबल को देख सभी नतमस्तक : छात्रसंघ चुनावों में इस बार आधी दुनिया भी पूरी शक्ति दिखा रही है। साइंस कॉलेज में एमएससी पांचवें सेमेस्टर की छात्रा कल्पना मेघवाल ने विकलांगता के बावजूद मतदान बूथ पर पहुंच मतदान किया। छात्रा कल्पना ने कहा कि हर एक वोट की अहमियत होती है और मेरा मानना है कि जो छात्र नेता आप चुन रहे हैं वह आपकी आवाज बने तो आपको अपने कदम बढ़ाने ही होंगे। इस बार कई पदों पर छात्राएं प्रत्याशी है, जिनका मनोबल बढ़ाना और नारी शक्ति को मजबूत करना भी मेरी जिम्मेदारी है। कल्पना के इस हौंसले को देख वहां मौजूद पुलिसकमी व छात्र नेता नतमस्तक हो गए। इधर, पहली बार छात्राएं भी छात्रों के साथ ताल से ताल मिला रही है। संघटक कॉलेजों के बाहर छात्राएं भी इस बार हूटिंग व प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करती दिखाई दे रही है।
पानी का तरह बहाया पैसा, लिंगदोह की फिर उड़ी धज्जियां : छात्रसंघ चुनावों में विवि प्रशासन द्वारा लिंगदोह के नियमों के बार-बार हवाले दिए गए लेकिन फिर भी इस बार के छात्रसंघ चुनावों में भी चुनाव जीतने के लिए सारे हथकंडे अपनाए गए। प्रमुख संगठनों द्वारा छात्रों को रिझाने के लिए पार्टियां के आयोजन व फिल्में दिखाकर पानी की तरह पैसा बहाया गया। कई लग्जरी गाडिय़ां रातभर शहर की सडक़ों पर मतदाताओं की बाड़ेबंदी के लिए दौडती रही और करीब 100 से 150 कारें गांव मतदाताओं को लाने के लिए लगाई गई।