उदयपुर। जयनारायणव्यास विश्वविद्यालय में 2012-13 के दौरान असिस्टेंट प्रोफेसर के 111 पदों पर हुई भर्तियों के घोटाले में एसीबी ने शुक्रवार को सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो. डॉ. दरियाव सिंह चुण्डावत को पूछताछ के लिए जोधपुर ले गई। चुण्डावत उस भर्ती में राज्य सरकार के प्रतिनिधि थे। सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर दरियाव सिंह सुविवि में स्पोर्टस बोर्ड चैयरमेन, छात्र कल्याण अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, एचआरएम निदेशक तथा बोम के सदस्य भी रह चुके है। भर्ती के दौरान पद का दुरूपयोग करना एवं न्यूनतम योग्यता नहीं होने पर भी चहेतो को साक्षात्कार में शामिल करना आदि कई आरोप थे जिसे एसीबी ने जांच में प्रमाणित पाया था। विवादों में रहे प्रो. चुण्डावत कॉमर्स कॉलेज के डीन रहने के दौरान स्पोर्टस कोटे से ब$डी संख्या में छात्रों को प्रवेश देने को लेकर भी विवादित रहे है। इसी दौरान राजीव गांधी जनजाति विश्वविद्यालय का गठन हुआ। कुलपति के दावेदारेां में उनका नाम भी सबसे आगे था पर विवादों के कारण उनका नाम अंतिम समय में कट गया। वर्तमान में चुण्डावत एश्वर्या कॉलेज में कार्यरत है।
भारती घोटाले मामले में जयनारायणव्यास विश्वविद्यालय में 2012-13 के दौरान असिस्टेंट प्रोफेसर के 111 पदों पर हुई भर्तियों के घोटाले में एसीबी ने शुक्रवार को पूर्व कुलपति बीएस राजपुरोहित पूर्व विधायक जुगल काबरा समेत 5 जनों को गिरफ्तार किया। पूर्व विधायक काबरा उस वक्त सिंडिकेट के मेंबर थे। शेष तीन आरोपी सिंडिकेट के सदस्य रहे प्रोफेसर डूंगरसिंह खींची, लॉ-डिपार्टमेंट के पूर्व डीन श्यामसुंदर आसोपा, स्थापना शाखा का क्लर्क केशवन एम्ब्रन हैं। इनमें से क्लर्क को छोड़ कर चारों आरोपी भर्ती प्रक्रिया के हिस्से रहे हैं।
एसीबीके मुताबिक भर्ती घोटाले के सबसे बड़े जिम्मेदार पूर्व वीसी बीएस राजपुरोहित हैं। उन्होंने ऐसे नियम बदले जो सिर्फ भर्ती बोर्ड के सदस्यों को पता थे और रिश्तेदारों को असिस्टेंट प्रोफेसर लगवा दिया।