उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय की ओर से मोहनलाल सुखाडिया की स्म़ृति में अंतरिक्ष की उत्पत्ति विषयक व्याख्यानमाला में विज्ञान, आध्यात्म और चिकित्सा का अद्भुत समावेश मिला। बुधवार को विवि सभागार में आयोजित इस व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता प्रधानमन्त्री के पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार डा ओपी पांडे, मुख्य अतिथि बडे इमाम साहब उमर अहमद इलियासी तथा विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध कार्डियोलोजिस्ट डा आर एन कालरा थे।
मुख्य वक्ता डा ओपी पांडे ने अंतरिक्ष की उत्पत्ति के विभिन्न सिद्धान्तों को आडियो विजुअल प्रस्तुति के साथ समझाया। उन्होंने अंतरिक्ष की रचना, इसकी कार्यप्रणाली को वैज्ञानिक तरीके से रखा। उन्होंने बताया कि हमारे सूर्य के अलावा भी इस ब्रह्मांड में कई सूर्य है जिनकी अभी खोज होना बाकी है। अंतरिक्ष के सात ब्रह्मांडों का जिक्र करते हुए इसे आध्यात्म से जोडा जिसका जिक्र हर धर्म में किया गया है। उन्होंने ब्लेक हाल कास्मिक डस्ट की बात भी बताई। उन्होंने कहा कि समाज की सर्जनात्मक ऊर्जा भी अंतरिक्ष से ही आती है और यही ऊर्जा वापस ब्रह्मांड में घूमती रहती है। उन्होंने सृजन के सिद्धान्त को भी बताया ओर इसमें स्त्री तत्व की उपस्थिति का भी विश्लेषण किया। इस अवसर पर उन्होंने ब्रह्मांड में होने वाली ध्वनि को सुनाया जो नासा ने रिकार्ड की है। यह ध्वनि हमारे सुनने की क्षमता से 400 मिलियन अधिक तीव्रता वाली है जिसमें से लगातार ओम शब्द सुनाई पडता है।
मुख्य अतिथि बडे इमाम साहब उमर अहमद इलियासी ने सर्वधर्म समभाव की बात कहते हुए कहा कि हम सबके पूर्वज भारतीय है चाहे वह किसी भी धर्म को मानने वाला हो। उन्होने कहा कि जब दवा असर नहीं करती है तब दुआ काम करती है इसलिए हमे हर उस व्यक्ति के लिए दुआ करनी चाहिए जिसको मदद की जरुरत है। उन्होंने माता पिता का सम्मान करने का आह्वान करते हुए इलियासी ने कहा कि दुनिया में बहुत दर्द है, यह कम हो सके इसके लिए हमे प्रभु से प्रार्थना करनी चाहिए क्योंकि प्रार्थना में बहुत ताकत होती है। विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डा आर एन कालरा ने हृदय को स्वस्थ रखने और इससे होने वाले रोगों से बचने की कई उपयोगी जानकारियां दी। उन्होंने कहा कि युवा स्वस्थ रहेगा तो देश भी स्वस्थ रहेगा। कार्यक्रम के अध्यक्ष सुविवि के कुलपति प्रो आईवी त्रिवेदी ने आगन्तुक वक्ताओं का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि इनके द्वारा दी गई जानकारियां विद्यार्थियों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी। इस अवसर पर एक पोस्टर तथा डा शिल्पा सेठ की कानून विषयक पुस्तक का लोकार्पण भी हुआ। धन्यवाद रजिस्ट्रार डा एलएन मन्त्री ने दिया। संचालन डा नीतू परिहार ने किया।
इस से पूर्व सुबह विश्वविद्यालय परिसर में स्थित मोहन लाल सुखाडिया की प्रतिमा पर पुष्पांजलि कार्यक्रम भी आयेजित हुआ जिसमें सभी अतिथियों ने आधुनिक राजस्थान के निर्माता सुखाडिया जी को पुष्पार्पण किया।