उदयपुर . हिंदल वली हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 804वें उर्स में आज कुल की रस्म के साथ चिश्तिया रंग छा गया है। दरगाह क्षेत्र में हर तरफ गरीब नवाज के दीवाने नजर आ रहे हैं। गरीब नवाज की सदाएं लगाते जुलूस के रूप में चादर लाने का सिलसिला अब भी जारी है। आशिकान ए ख्वाजा के सिरों पर गरीब नवाज के दर की दस्तारबंदी नजर आ रही है। हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के उर्स के छोटे कुल व छठी की रस्म में शरीक होने के लिए गरीब नवाज के दीवानों व मतवालों का बुधवार रात को सैलाब उमड़ पड़ा। उर्स की रौनक शबाब पर है और हर तरफ चिश्तिया रंग छाया हुआ है।
कुल की फातेहा में हिन्दुस्तान से आये हर ख्वाजा के दीवाने ने मुल्क में अमनो अमन की दुआ मांगी. घंटों तेज धुप में खड़े ख्वाजा के दीवानों की दीवानगी का यह आलम था के आँखों से आंसू बह रहे थे और हाथ दुआ में उठे हुए थे . कुल की फातेहा के दौरान सिर्फ दरगाह में ही नहीं पुरे क्षेत्र की आसपास की इमारतों सडकों पर लोगों के हाथ दुआ में उठे हुए थे .
मेरा ख्वाजा हिंद का राजा
दरगाह क्षेत्र में रात को जबरदस्त भीड़ उमड़ी। जायरीन के रैले फव्वारा सर्किल, मदार गेट और डिग्गी बाजार की ओर से दरगाह की ओर आते दिखाई। सबसे अधिक भीड़ दरगाह बाजार, नला बाजार और अंदरकोट में नजर आई। देहली गेट और गंज में भी जायरीन ही जायरीन नजर आ रहे हैं। जायरीन विभिन्न काफिलों में जुलूस के रूप में चादर लेकर दरगाह की ओर पहुंचे दरगाह क्षेत्र में ढोल नगाड़ों और ख्वाजा दामन नहीं छोड़ेंगे, मेरा ख्वाजा हिंद का राजा समेत विभिन्न सदाओं से गूंज रहा है। खूबसूरत चादरों की कतार देर रात तक लगी रही। इन दिलकश और खूबसूरत चादरों को देखने के लिए दरगाह बाजार में मार्ग के दोनों ओर जायरीन की कतार लगी नजर आ रही है। जुलूस में महिलाएं और बच्चे भी खासी तादाद में शरीक हो रहे हैं। देर रात तक यह सिलसिला जारी रहा।
दरगाह में छाया है नूर
दरगाह ख्वाजा साहब रोशनी में नहाई हुई है। देर रात तक महफिल का दौर जारी है। महफिल खाना के साथ ही अहाता ए नूर, पायंती दरवाजे के सामने और अन्य स्थानों पर महफिल ए कव्वाली सजी हैं। इन महफिलों में खासी तादाद में आशिकान ए ख्वाजा शरीक हो रहे हैं। महिला जायरीन अदब ओ एहतराम में सिर दुपट्टे से ढंके हुए हैं। पुरुष जायरीन भी सिर पर टोपी लगाए हुए हैं। दरगाह परिसर में स्थित शाहजहांनी मस्जिद, अकबरी मस्जिद और संदल खाना मस्जिद में पांचाें वक्त की नमाजों में खासी तादाद में अकीदतमंद शरीक हो रहे हैं।
नंगे पांव ही दरगाह की ओर
यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के देहातों से आने वाले जायरीन सिर पर चादर लिए और गरीब नवाज की सदाएं लगाते हुए नंगे पैर ही दरगाह पहुंचे। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। चादरें इत्र की खुशबू से तर होने के कारण जैसे ही जुलूस गुजरता, कुछ देर के लिए दरगाह बाजार महक उठता था।