udaipur एम.बी. चिकित्सालय सोमवार रात दो घंटे अंधेरे में डूब गया। चिकित्सालय में लगाए गए चार जेनरेटरों में से सिर्फ एक के ही काम करने से इमरजेंसी और एमआईसीयू ही इस अंधेरे से बचे रहे। विद्युत निगम की मशक्कत के बाद रात सवा आठ बजे बिजली बहाल हो सकी।
विद्युतकर्मियों के अनुसार पीजी हॉस्टल के पास एक बिल्ली के बिजली की लाइन पर छलांग लगाने से यह फॉल्ट आया। बिल्ली बिजली की लाइन पर चिपक गई। बिल्ली के चिपकने से शॉर्ट सर्किट हो गया और कई जम्पर उड़ गए। विद्युत विभाग के दल ने वहां चिपकी बिल्ली को हटवाया और बाद में लाइन को दुरूस्त किया। मधुवन के सहायक अभियंता एस.पी. शर्मा ने बताया कि एमबी चिकित्सालय क्षेत्र में करीब पौन घंटे बिजली बंद रही। जबकि, वहां छह बजे के आसपास बिजली गुल हो गई जो सवा आठ बजे आई।
कैंडल लाइट डिनर!
अस्पताल में अंधेरे के दौरान जगह-जगह “कैंडल लाइट डिनर” की स्थिति बन गई। अंधेरा होने से लोगों को मोमबत्तियों का सहारा लेना पड़ा। मरीजों के परिजनों ने मोमबत्ती की रोशनी में भोजन किया।
चार में एक ही चला जेनरेटर
इधर, चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. डी.पी. सिंह ने बताया कि पूरे अस्पताल परिसर में विद्युत आपूर्ति के मद्देनजर चार बड़े जेनरेटर लगाए गए हैं, लेकिन उनमें से फिलहाल एक ही काम कर रहा है। तीन में डीजल की व्यवस्था कर दी गई है, लेकिन वे चालू नहीं हैं। ऎसे में सिर्फ इमरजेंसी में बिजली बहाल रही। कार्डियोलॉजी वार्ड में भी कोई परेशानी नहीं हुई।
बच्चे घबराए
सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों के अस्पताल में हुई। अंधेरे के कारण बच्चे घबरा गए। नन्हें तो रोने भी लगे। ऎसे में उनकी माताओं को मोमबत्तियां जलानी पड़ी और लगातार उन्हें थपकियां देनी पड़ी।