फिल्म बजरंगी भाईजान पर मनु राव की रिपोर्ट
मित्रों लम्बे समय बाद फिल्म देखने का मन बनाया तो सोचा क्यों न जिस फिल्म पर देश के कुछ धर्मावलम्बियों का विरोध चल रहा है, उसे ही देख लिया जाए। सभी साथी सेलीब्रेशन मॉल के पीवीआर में पंहूचे। बडी मुश्किल से आखिर एक नम्बर आॅडी के पांच टिकिट ”बजरंगी भाईजान” के मिल ही गए। पूरा हॉल खचाखच भरा था सभी धर्मो को मानने वाले फिल्म प्रेमी बैठे हुए थे यहां किसी में कोई विरोध नहीं दिख रहा था। फिल्म में पवन त्यागी के रूप में बजरंगी भाईजान का किरदार निभा रहे हमारे सल्लू मिया इस बार भी कुछ अलग अन्दाज में नजर आए। करीना कपूर का अभिनय बुरा नहीं था पर अच्छा भी नहीं कहा जा सकता। फिल्म की शुरूआत से लेकर अन्त तक एक सख्क्ष ऐसा था जिसका अभिनय कभी भुलाया नहीं जा सकता। सात वर्ष की हर्षाली मल्होत्रा उर्फ मुन्नी उर्फ शाहिदा का अभिनय पूरी फिल्म् की धडकन रही है, साथ ही पत्रकार नवाजुद्दीन सिद्धिकी का अभिनय भी काबिले तारीफ है। इन्टरवेल तक फिल्म में बंध पाना मुश्किल है, लेकिन उसके बाद पूरी फिल्म अन्त तक लाजवाब है। गाने कुछ ज्यादा असर नहीं दिखा पाए परन्तु अदनान सामी की कव्वाली ” भर दो झोली ” और उनका नया लुक देखने लायक है। पूरी फिल्म देखने के बाद लगा कि समाजकंटक लोग जबरदस्ती अपनी दूकान चलाने और छपास में रहने के लिए इसका बेजा विरोध कर रहे हैं। मेरी राय में अगर आप फिल्म देखने का मन बना रहे है तो इस फिल्म को देखना चाहिए।