अपनी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में बदलाव कर पर्यावरण का सरंक्षण सुनिश्चित करें। यदि हम स्वयं प्लास्टिक के उपयोग से बचनें, उपयोग में न होने पर ब उपकरणों को बंद करनें, पानी की बर्बादी को रोकनें, और कम दूरी के लिये साइकिल चलाने जैसे छोटे छोटे बदलाव करें तो हम पर्यावरण सरंक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें सकते है यह बात हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अपने संदेश में कही।
उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान जिं़क को विश्व में नवाचारों के लिये पहचान मिली है ईएसजी पर की जा रह हाी पहल, डॉव जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स 2021 द्वारा शीर्ष 5 वैश्विक कंपनियों में शामिल हमारी कंपनी, स्थिरता लक्ष्यों 2025 को प्राप्त करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है। इस दृष्टि को ध्यान में रखते हुए, मैं आप सभी से इस पर्यावरण दिवस पर धरती माता की रक्षा और संरक्षण में अपना योगदान देने का संकल्प लेने का आग्रह करता हूं।
ओनली वन अर्थ की थीम पर हिन्दुस्तान जिं़क की सभी इकायों मं सन वृक्षारोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किये गये। कंपनी के प्रधान कार्यालय में वृक्षारोपण के साथ ही ईवेस्ट संग्रहण की शुरूआत एवं किचन गार्डन हेतु वर्कशाॅप का आयोजन किया गया।
देबारी जिं़क स्मेल्टर में एसबीयू निदेशक मानस त्यागी, एचएसई प्रमुख दिगंबर पाटिल एवं महासचिव, जिंक स्मेल्टर मजदूर संघ प्रकाश श्रीमाल ने कंपनी के ईएसजी लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु क्षेत्ीय अधकाी-आरसपसब उदयपुर और अन्य उद्योगों के साथ शिल्पग्राम-रानी रोड-शिपग्राम से सिंगल यूज प्लास्टिक को ना कहें, प्लांट एरिया में पौधरोपण
जागरूकता कार्यक्रम और ई कचरा संग्रह अभियान कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए बागवानी तकनीक पर कार्यशाला, बायो मेडिकल वेस्ट कलेक्शन ड्राइव,कौन बनेगा पर्यावरण चैंपियन प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। इसी प्रकार जावर माइंस एसबीयू हेड विनोद कुमर के नि्देन में ऑनाइ परयार प्रश्नोत्तरी, बिल्ड नेस्ट कंटेंट, किचन गार्डन कार्यशाला का आयोजन, ई वेस्ट संग्रह अभियान,विभिन्न स्थानों पर वृक्षारोपण अभियान एवं आस-पास के स्कूलों में जागरूकता सत्रों का आयोजन किया गया।
पर्यावरण और स्थिरता के लिए हिंदुस्तान जिंक की प्रतिबद्धता कंपनी के मूल सिद्धांतों में से एक है। अपने सभी कार्यों के लिए, संगठन ने एक अद्वितीय और अद्वितीय जैव विविधता प्रबंधन ोजना िकसित की ै। कपनी आईयूसीएन लीडर फॉर नेचर (एलएफएन) इंडिया पहल की भी सदस्य है, और यह जैव विविधता को बनाए रखने और बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। साल दर साल अपने पर्यावरण फुटप्रिन्ट को कम करने के लिए, हिंदुस्तान जिंक प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और जब भी संभव हो हरित प्रौद्योगिकी को लागू करने के लिए हर संभव प्रयास करता है। हिंदुस्तान जिंक वर्तमान में 2.41 गुना पानी सकारात्मक है और से 5 गुना क बढ़ाने का लकष्य है। ंपनी पने सभी स्मेल्टरों और खानों में विशाल शून्य तरल निर्वहन संयंत्र विकसित कर रही है और इस प्रकार परिचालन से शून्य निर्वहन के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहरा रही है। खदानों से निकाले गए खनित जल को उपचारित कर उनके संयंत्रों को उपलब्ध कराया जाएगा। हिंदुस्तान जिंक वर्तमान में विभिन्न जल उपचार संयंत्रों में लगभग 400-500 करोड़ रुपे का निवेश क रहा है, जिस भविष्य में भी जारी रखा जाएगा।