उदयपुर । महाराणा भूपाल सिंह की 131वीं जयन्ती के अवसर पर भूपाल नोबल्स संस्थान में मंगलवार को समारोह आयोजित किया गया जिसमे विभिन्न क्षेत्रों में विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाले व्यक्तित्वों का सम्मान किया गया ।
समारोह के मुख्य अतिथि महाराणा महेंद्र सिंह थे जिन्होंने अपने उद्बोधन में वर्तमान में बदलते परिप्रेक्ष्य में मानवीय मूल्यों को बनाए रखने और उसके संरक्षण की महती आवश्यकता बताते हुए कहा कि जीवन में शरीर, बुद्धि और भावना का उचित समन्वय करते हुए व्यवहार करना चाहिए। जीवन का 70 प्रतिशत भाग अव्यवहारिक है, असंगत है, इसे व्यवहारिक और संगत वनाए जाने की ज़रूरत है। जीवन को खुशहाल बनाने के लिए बुद्धि का उपयोग होना चाहिए।
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाले व्यक्तित्वों का सम्मान किया गया जिनमें श्रमजीवी महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. जीवन सिंह राणावत, कृषि विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति डॉ. जब्बर सिंह सोलंकी, करण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर के कुलपति प्रो. नरेन्द्र सिंह राठौड़, सेवानिवृत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठा. देवी सिंह रूद, श्रीमती दीपा कुंवर राणावत, सब लेफ्टिनेन्ट श्रीमती शैलजा राणावत हैं। इसके साथ ही विभिन्न गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले संस्थान के विभिन्न विद्यार्थियों का पुरस्कृत कर सम्मान किया गया। इस अवसर पर प्रताप शोध प्रतिष्ठान के निदेशक डॉ. मोहब्बत सिंह राठौड़ द्वारा लिखी गई पुस्तक ’महाराणा राजसिंह‘, शोध सहायक डॉ. भूपेन्द्र सिंह द्वारा लिखित पुस्तक ’मेवाड़ के पर्यटन स्थल‘ व बी.एन.कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के बी.बी.एम. विभाग की वार्षिक पत्रिका ’माईल स्टोन‘ का श्रीजी हुज़ूर व अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया।
महाराणा भूपाल सिंह की 131वीं जयन्ती समारोह
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