उदयपुर। नगर निगम की महापौर श्रीमती रजनी डांगी इन दिनों टोने-टोटकों के चक्कर में हैं। वास्तु विशेषज्ञों की सलाह पर महापौर डांगी ने अपना ऑफिस अब आयुक्त के कमरे में लगा दिया है। वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि महापौर की सभी समस्याओं का कारण निगम कार्यालय में स्थित उनका ऑफिस है। बहरहाल वास्तु विशेषज्ञों की बात सच भी मान ली जाए, तो अब संकट के बादल नव नियुक्त आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ पर मंडराने लग गए हैं। महापौर को अपने वास्तु विशेषज्ञों पर इतना भरोसा है कि उन्हें लग रहा है कि इससे उनके आगे का कार्यकाल सुधर जाएगा और अपने जो दूश्मन बने बैठे हैं। वो भी फिर से उनके साथ हो जाएंगे।
अब आयुक्त वास्तु दोष युक्त कक्ष में
महापौर ने अपना वास्तु दोष तो दूर कर लिया, लेकिन नव नियुक्त आयुक्त को उसी वास्तु से दोष युक्त कमरे में ही छोड़ दिया, जिससे लगता है कि उन पर संकट के बादल आने वाले हैं। क्योंकि वास्तु दोष के चलते अब अगर आयुक्त ने विकास के कामों की अनदेखी की और रूचि नहीं ली, तो फिर आयुक्त के कक्ष को कहां शिफ्ट किया जाएगा।
पिछले तीन दिन से चर्चा:
महापौर का वास्तु दोष के लिए किया गया बदलाव नगर निगम व शहर कि राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। कोई इसको मजाक में ले रहा है, तो कोई व्यंग्य कसते हुए चुटकी ले रहा है। कइयों का मानना तो यह है कि 18 साल बाद बदलाव हुआ है, तो शायद अब आने वाले नये महापौर शायद कांग्रेस के ही हो। कोई कहता है कि अब किसी तांत्रिक, पीर या फकीर को भी बुला लो, ताकि बचा हुआ शेष दोष भी निकल जाए और शहर का
टोने-टोटकों के चक्कर में महापौर!
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