मंज़िल तक पहुंचेगी मोदी की ‘पंखों वाली रेलगाड़ी’?

Date:

140130060959_narendra_bhai_modi_624x351_afp

 

पंख वाली रेलगाड़ियां अभी ईजाद नहीं हुई हैं. फ़िलहाल उन्हें ज़मीन पर बिछी पटरियों पर ही दौड़ना होता है. उड़ना उनके बूते की बात नहीं है. पर हो सकता है, एक दिन ऐसा हो ही जाए.

डैने वाली रेलगाड़ियां आएं और उड़कर एक से दूसरी जगह पहुंच जाएं. बीच के सारे मुक़ाम बीच में ही रह जाएं.
कल्पनाओं को पंख लगाने वाले पहले भी हुए हैं. दुर्भाग्य से बेचारे कवि-कथाकार मानकर निपटा दिए गए. जार्ज ऑर्वेल हों कि आर्थर सी. क्लार्क. ‘1984’ और ‘मूनडस्ट’ की कल्पनाएं बेचते रहे.

पीटर आसिमोव भी हाल-फ़िलहाल के ठहरे. लेकिन ये चल बहुत पहले से रहा था.

सवा दो हज़ार साल पहले इसकी शुरुआत भारत में हुई. तिरुवल्लुवर के कुरल के साथ. तमिलनाडु के कवि सुब्रमण्यम भारती भी पीछे नहीं थे.

पिछली सदी के आरंभ में लिख गए थे, “ऐसे यंत्र बनेंगे कि कांचीपुरम् बैठकर, काशी के विद्वत्जन का संवाद सुनेंगे.”

ये उस दौर की बात है जब रेडियो को रेंगना भी नहीं आता था.

पंख वाली रेलगाड़ियां

अफ़सोस की बात ये है कि इन सबकी कल्पनाओं को ठीक-ठाक ठेकेदार नहीं मिले. मिले होते तो पता नहीं क्या हुआ होता. या फिर क्या से क्या हो गया होता.

2000 साल से ऊपर की परंपरा में अब लगता है, सही ठेकेदार सामने आया है और उसकी कल्पना हाथों हाथ लेने वाले ख़रीदार भी घरों के बाहर निकल रहे हैं.

अब जाकर पता चला है कि पंख वाली रेलगाड़ियां दरअसल बन चुकी हैं. उन्होंने उड़ना भी शुरू कर दिया है.

गुजरात के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी डैने वाली रेलगाड़ियों का क़िस्सा अक्सर सुनाते हैं.

पता नहीं क्यों वे इसका ज़िक्र तब ज़्यादा करते हैं, जब उत्तर प्रदेश में हों. बक़ौल उनके, ये रेलगाड़ी उत्तर प्रदेश से उड़ती है तो सीधे गुजरात में उतरती है. ठीक-ठीक वजह तो नहीं मालूम, लेकिन संभव है उन्हें एक पुरानी रेलगाड़ी की याद आ जाती हो जो फ़ैज़ाबाद से चली थी और गोधरा जाकर रुकी थी.
उसके बाद जो हुआ, वह राजधर्म के दायरे से बाहर का मामला था. दंगे फ़साद और मारकाट में ये तथ्य कैसे भुलाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश का गुजरात से रेलगाड़ी वाला रिश्ता भी है.

मोदी का क़िस्सा

मोदी शायद इसीलिए बार-बार रेलगाड़ी का क़िस्सा सुनाते हैं. उनके क़िस्से में एक मां का ज़िक्र है, जिसका बेटा काम की तलाश में गुजरात जाने वाली रेलगाड़ी में सवार होता है.

मोबाइल फ़ोन का ज़माना है, सो मां अपने बेटे को घड़ी-घड़ी फ़ोन करती रहती है. हिदायतें देती है. संभल कर रहना. किसी का दिया कुछ मत खाना. ये भी पूछती है कि अब कहां पहुंचे.

देर रात फ़ोन आया तो बेटे ने कहा,”मां, अब सो जाओ, बहुत रात हो गई है. निश्चिंत रहो, मैं वहां पहुंच कर फ़ोन कर दूंगा.”

मां को चैन नहीं आया. वो सोई नहीं. कुछ देर बाद दोबारा फ़ोन किया तो बेटे ने कहा, “मां! गाड़ी गुजरात में दाख़िल हो गई है. कुछ देर में अहमदाबाद पहुंच जाएगी.”

मां आश्वस्त हो गई. बोली, “अब मैं निश्चिंत हूं.” यानी गुजरात पहुंचने का मतलब है कि अब तुम सुरक्षित हो और वो सो गई.

इस क़िस्से पर ख़ूब तालियां बजती हैं. लोगों ने क़िस्सा सुना और समझ लिया कि यही उड़ने वाली रेलगाड़ी होगी. उत्तर प्रदेश से सीधे गुजरात के नभक्षेत्र में.

ज़मीन के रास्ते पटरियों से जाती तो रास्ते में बीना और रतलाम भी पड़ते. मध्य प्रदेश का बड़ा इलाक़ा आता. कुछ गाड़ियां राजस्थान होकर गुज़रतीं.

लोगों ने उड़ंतू रेलगाड़ी की बात इसलिए भी मान ली कि और चाहे जो हो, नरेन्द्र मोदी मध्य प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति की आलोचना क्यों करेंगे.

मोदी और राजनीति
वहां तो भाजपा की ही सरकार है. शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री हैं और वो भी ऐसे-वैसे नहीं. तीसरी बार चुनाव जीत कर आए हैं. पिछली बार के मुक़ाबले ज़्यादा सीटों के साथ. ये करिश्मा तो मोदी और रमन सिंह भी नहीं कर पाए.

कुछ विघ्नसंतोषी जीव इसमें भी राजनीति ढूंढ़ने लगे. कहने लगे कि शिवराज ने चुनाव जीतने पर धन्यवाद ज्ञापन किया तो मोदी का नाम चौथे नंबर पर लिया.

पहले राज्य की जनता, फिर लाल कृष्ण आडवाणी, तब पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और उसके बाद नरेन्द्र मोदी.

ये भी बोले कि मोदी शायद आम चुनाव के बाद की स्थितियों को लेकर चिंतित हैं और चौहान उनके लिए ख़तरे की घंटी हैं.

ये वही लोग हैं जो कल्पनाओं के पंख कतरने की फ़िराक़ में रहते हैं.

नरेन्द्र मोदी ने इतनी दूर तक सोचा कि नहीं सोचा, ये तो वही जानें. फ़िलहाल लोग जो मान बैठे हैं, वही शायद ठीक होगा. मतदाता तो वही हैं. वे अगर मानते हैं कि पंख वाली रेलगाड़ियां बन चुकी हैं तो हो सकता है कि सचमुच बन गईं हों.

 

मधुकर उपाध्याय

वरिष्ठ पत्रकार, बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Find love in limerick: meet single ladies in limerick now

Find love in limerick: meet single ladies in limerick...

Explore the best bdsm dating sites on web

Explore the best bdsm dating sites on webWhen it...

Meet women who desire to have fun

Meet women who desire to have funLooking for women...