LPG सिलेंडर इस्तेमाल करने वालों के लिए आ गई सबसे बड़ी खुशखबरी!

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3339_cb24_lpg_cylinders_1022738fआपने जिस वितरक या डीलर से रसोई गैस का कनेक्शन लिया है वह अगर आपको परेशान कर रहा है या उसकी सेवाएं आपके मन मुताबिक नहीं है या किसी अन्य वजह से आप परेशान हैं तो कतई चिंतित न हों। दरअसल, वह दिन आ गया है कि आप अपने एलपीजी डीलर को बाय-बाय बोल सकते हैं। सरकार ने एलपीजी क्षेत्र में डिस्ट्रीब्यूटर पोर्टेबिलिटी की योजना शुरू कर दी है जिससे अब वाकई ऐसा हो सकता है।

योजना की शुरुआत चंडीगढ़ से हुई है। वर्ष 2013-14 के दौरान देश के कम से कम 25 जिलों में इसका विस्तार हो जाएगा। बाद में इसे देश भर में फैलाने की योजना है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री वीरह्रश्वपा मोइली ने इस योजना की शुरुआत करते हुए बताया कि चंडीगढ़ में शुक्रवार से यह योजना शुरू हो गई है। अन्य जिलों के नामों की घोषणा फिलहाल नहीं की गई है, लेकिन उन्होंने बताया कि आधार कार्ड पर आधारित डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर स्कीम जिन 51 जिलों में शुरू हो रही है, उनमें से ही 25 जिलों को छांटा जाएगा। वहां अगले वित्त वर्ष के दौरान यह योजना शुरू कर दी जाएगी। बाद में इसका दायरा पूरे देश में फैलाया जाएगा।

हर जिले के किसी इलाके में दो या तीन डीलरों का एक पूल या क्लस्टर तैयार किया जाएगा। यदि किसी ग्राहक को किसी वितरक से दिक्कत है तो वह क्लस्टर के किसी अन्य वितरक के पास अपना कनेक्शन ट्रांसफर करवा सकेगा। हालांकि अभी ट्रांसफर सिर्फ उसी कंपनी के वितरकों के बीच हो सकेगा जिसका कनेक्शन आपने ले रखा है। दूसरी कंपनी के वितरकों के बीच भी कनेक्शन ट्रांसफर हो सके, इसके लिए भी विकल्प की तलाश की जा रही है।

फिलहाल कुछ वैधानिक कारणों की वजह से ऐसा संभव नहीं है। मतलब यह है फिलहाल केवल एलपीजी डीलर को बदला जा सकता है, पेट्रोलियम कंपनी को नहीं। इसी दौरान मोइली ने इंटरनेट पर आधारित ‘लक्ष्य’ योजना की भी शुरुआत की जिसमें ग्राहक इंटरनेट या मोबाइल से ही गैस रिफिल की बुकिंग कर सकते हैं।

यही नहीं, बुकिंग के बाद ग्राहक सिलेंडर की ट्रैकिंग भी कर सकेंगे कि कब उन्हें डिलीवरी मिलेगी। इंटरनेट पर ही अब नए कनेक्शन के लिए भी नंबर लगाया जाएगा। नंबर लगाते वक्त कोई कागज नहीं मांगा जाएगा। जब उनका नंबर आ जाएगा, तब मेल पर सूचना आएगी कि अमुक वितरक के पास जाकर कनेक्शन लें। उसी वक्त जरूरी डाक्यूमेंट्स भी जमा किए जाएंगे। इससे ग्राहकों को बार-बार गैस एजेंसी का चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

 

यह कैसे संभव-

 

हर जिले के किसी भी इलाके में दो या तीन गैस डीलरों का एक पूल तैयार किया जाएगा

यदि किसी ग्राहक को किसी डीलर से दिक्कत है तो वह इस पूल के दूसरे वितरक के पास कनेक्शन ट्रांसफर करवा सकेगा

अभी ट्रांसफर सिर्फ उसी कंपनी के वितरकों के बीच हो सकेगा जिसका कनेक्शन ले रखा है

दूसरी कंपनी के वितरकों के बीच भी कनेक्शन ट्रांसफर हो सके, इसके लिए तलाशा जा रहा विकल्प

पारदर्शी सिस्टम-

 

नए गैस कनेक्शन के लिए रजिस्ट्रेशन अब ऑनलाइन

इंटरनेट पर आधारित ‘लक्ष्य’ योजना की भी शुरुआत

इसमें ग्राहक इंटरनेट या मोबाइल से ही कर सकते हैं गैस रिफिल की बुकिंग

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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