जयपुर. चुनावी साल में आखिरी बजट पेश करते हुए गहलोत ने सोशल इंजीनियरिंग के अपने नायाब फॉर्मूले का सहारा लिया है। प्रदेश में अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपति को प्रोत्साहन राशि के रूप में पांच लाख रुपए दिए जाएंगे। शर्त ये ही कि लड़का और लड़की दोनों में से एक ऊंची जाति का और दूसरा निचली जाति का हो। गहलोत ने अपने अभिभाषण में खास तौर पर ऊंची जाति और निचली जातियों के बीच विवाह का जिक्र किया।
गहलोत ने कहा कि यदि एससी-एसटी युवक और युवतियां सामान्य वर्ग के लोगों से शादी करेंगे तो उन्हें सरकार की ओर से पांच लाख रुपए दिए जाएंगे। इससे पहले यह प्रोत्साहन राशि पचास हजार रूपए थी।
गहलोत ने कहा कि एससी-एसटी युवक युवतियों से सामान्य जाति के लोगों से विवाह होने पर बतौर प्रोत्साहन राशि दी जाएंगी।
इसके अलावा गहलोत ने महिलाओं को साड़ी और पुरूषों को कंबल बांटे जाने की घोषणा की। वहीं, पिछड़ा वर्ग के छात्रों की स्टडी के लिए 150 करोड़ रूपए उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री के पिटारे से यह भी
सामूहिक विवाह को बढ़ावा
प्रत्येक बहू को 4500 से बढ़ाकर 10 हजार रूपए दिएं जाएंगे
बीस नए आईटीआई की घोषणा
200 करोड़ रूपए के अल्पसंख्यक विकास कोष की घोषणा
स्वयं सहायता समूह के लिए ऋण के अलावा दस हजार रुपए का अनुदान सरकार की ओर से
आंगनवाड़ी में बच्चों को दो जोड़ी यूनिफॉर्म
बड़ा सामाजिक बदलाव
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सामान्य वर्ग औऱ दलितों के बीच शादी को बढावा देने के लिए जो कदम उठाया है, यह वाकई में बड़ा सामाजिक बदलाव लाएगा। जहां कई राज्यों में प्रेम विवाह करने वाले युवक युवतियों को इज्जत के नाम पर मौत के घाट उतारा जा रहा है। और सरकारें भी इसके खिलाफ खुलकर नहीं आ रही। ऐसे में पांच लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि एक सकारात्मक बदलाव की जगाती है। इससे ना केवल हर तरह की जातियों में मेलजोल बढ़ेगा।
अंतरजातीय विवाह को सरकार के समर्थन से इन शादियों को सामाजिक स्वीकार्यता भी मिलेगी। खासतौर पर गरीब परिवारों में अंतरजातीय विवाह से कम से कम आर्थिक मदद तो मिलेगी ही।
जादूगर गहलोत ने दिखाया जादू
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अकसर कहते हैं कि वो जादूगर है और एकाध कार्यक्रमों में मंच पर उन्होंने जादू की कुछ ट्रिक्स भी दिखाईं। पिछले बजटों में गहलोत हमेशा एक कड़े राजनेता जैसे दिखे लेकिन अपने कार्यकाल के अंतिम बजट में उनका जादूगर का रूप दिखा और उन्होंने पूरी कोशिश की है कि ये जादू चुनावों तक जनता पर चलता रहे। इस बजट में वे लोगों को जो भी छूट दी जा सकती थी, दे दी। जनता के लिए हर तरह की सुविधाओं का इंतजाम किया। आटा, तेल, चीनी से लेकर शिक्षा, कपड़े, दवाइयां, फ्री ईलाज, हजारों नौकरियों की घोषणा। गहलोत ने सरकार का पिटारा पूरी तरह से जनता के लिए खोल दिया।